आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुरू: जानें शुभ मुहूर्त और राशि अनुसार मां दुर्गा की पूजा विधि

Ashadha Gupt Navratri 2025: गुप्त शक्तियों के जागरण और साधना के लिए विशेष माने जाने वाले आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत इस वर्ष 26 जून, गुरुवार से हो रही है।

Updated On 2025-06-26 07:40:00 IST

Ashadha Gupt Navratri 2025: गुप्त शक्तियों के जागरण और साधना के लिए विशेष माने जाने वाले आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत इस वर्ष 26 जून, गुरुवार से हो रही है। इस पावन अवसर पर नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। इस दौरान विशेष साधनाएं और मंत्र जाप करने से न केवल सांसारिक समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होता है।

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

  • प्रात: कालीन मुहूर्त: 05:25 से 06:58 बजे तक
  • मध्यान्ह मुहूर्त: 11:56 से 12:52 बजे तक

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है, जो सुबह 08:46 बजे से शुरू होकर अगले दिन 27 जून को 05:25 बजे तक रहेगा। यह योग साधना और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

राशि अनुसार मां दुर्गा की आराधना विधि व मंत्र

मेष (Aries)

  • स्कंदमाता की उपासना करें। लाल पुष्प चढ़ाएं।
  • मंत्र: ॐ ह्रीं उमा देव्यै नम:, ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:
  • पाठ: दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा

वृषभ (Taurus)

  • महागौरी देवी की पूजा करें। सफेद पुष्प अर्पित करें।
  • मंत्र: ॐ कारक्यै नम:, ॐ क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्यै नम:
  • पाठ: ललिता सहस्रनाम

मिथुन (Gemini)

  • ब्रह्मचारिणी देवी की आराधना करें। पीले फूल चढ़ाएं।
  • मंत्र: ॐ दुं दुर्गायै नम:, ॐ घोराये नम:
  • पाठ: तारा कवच

कर्क (Cancer)

  • मां शैलपुत्री को गुलाबी और सफेद फूल अर्पित करें।
  • मंत्र: ॐ ललिता देव्यै नम:, ॐ हस्त्नीयै नम:
  • पाठ: लक्ष्मी सहस्रनाम

सिंह (Leo)

  • कूष्मांडा देवी की पूजा करें। नारंगी फूल अर्पित करें।
  • मंत्र: ॐ ऐं महासरस्वती देव्यै नम:, ॐ त्रिपुरांतकायै नम:

कन्या (Virgo)

  • ब्रह्मचारिणी देवी को पीले फूल चढ़ाएं।
  • मंत्र: ॐ विश्वरूपायै नम:, ॐ शूल धारिणी देव्यै नम:

तुला (Libra)

  • महागौरी देवी की आराधना करें। सफेद फूल चढ़ाएं।
  • मंत्र: ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नम:, ॐ रोद्रवेतायै नम:
  • पाठ: दुर्गा सप्तशती, श्रीकाली चालीसा

वृश्चिक (Scorpio)

  • स्कंदमाता की पूजा करें। लाल फूल अर्पित करें।
  • मंत्र: ॐ शक्तिरूपायै नम:, ॐ क्लीं कामाख्यै नम:
  • पाठ: दुर्गा सप्तशती

धनु (Sagittarius)

  • मां चंद्रघंटा को पीले फूल चढ़ाएं।
  • मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे, ॐ गजाननाय नम:

मकर (Capricorn)

  • कालरात्रि देवी की पूजा करें। लाल पुष्प अर्पित करें।
  • मंत्र: ॐ सिंहमुख्यै नम:, ॐ पां पार्वती देव्यै नम:

कुंभ (Aquarius)

  • कालरात्रि की आराधना करें।
  • मंत्र: ॐ पां पार्वती देव्यै नम:
  • पाठ: देवी कवच

मीन (Pisces)

  • चंद्रघंटा देवी को पीले फूल अर्पित करें।
  • मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं दुर्गा देव्यै नम:

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। HariBhoomi.com इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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