मोदी अब नहीं बोलेंगे इंग्लिश, विदेशी मेहमानों से भी हिंदी में करेंगे बात
नरेंद्र मोदी विदेशी मेहमानों से भी हिंदी में ही बात करेंगे।;

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि वे अब हिंदी ही बोलेंगे। यहां तक की विदेशी मेहमानों से भी हिंदी में ही बात करेंगे। भारतीय भाषाओं से भारतीय जनता पार्टी का प्रेम किसी से छिपा नहीं है। गुरुवार को संसद में कई बीजेपी नेताओं ने संस्कृत में शपथ ली। अब ऐसे संकेत भी मिले हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमाम अंतरराष्ट्रीय नेताओं से हिंदी में ही बात कर सकते हैं। जाहिर तौर पर, इसके लिए वह दुभाषिए की मदद लेंगे।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार नई दिल्ली के कई डिप्लोमेट्स की मानें तो मोदी से बातचीत के दौरान कभी भी भाषा उनके आड़े नहीं आई। अखबार के सूत्र बताते हैं कि इसके बावजूद मोदी ने विदेशी मेहमानों से भी हिंदी में ही बात करने का फैसला किया है।
हालांकि वह अंग्रेजी में इतने सहज हैं कि उन्हें अंग्रेजी का हिंदी में तर्जुमा करने के लिए दुभाषिए की जरूरत नहीं है। हाल ही में मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के लिए श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे दिल्ली आए थे। मोदी से मुलाकात के दौरान वह अंग्रेजी में ही बोल रहे थे, लेकिन उनकी बात समझने के लिए प्रधानमंत्री को एक बार भी दुभाषिए की जरूरत नहीं पड़ी। मोदी ने अपने जवाब हिंदी में ही दिए, जिसे दुभाषिए ने राजपक्षे को समझाया।
ओमान के सुल्तान के विशेष दूत के लिए भी उन्होंने यही प्रोटोकॉल अपनाया। लेकिन जो लोग हिंदी या हिंदी मिश्रित उर्दू बोल रहे थे उनके लिए प्रधानमंत्री को दुभाषिए की जरूरत नहीं पड़ी। इनमें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अलावा अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई भी शामिल हैं। करजई कुछ समय भारत में पढ़े हैं इसलिए वह थोड़ी बहुत उर्दू और हिंदी जानते हैं।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, पहले किसी प्रधानमंत्री ने नहीं लिया था ऐसा फैसला -
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