ईपीएफ में जल्द आएगा पांच लाख करोड़ का नया कोष प्रबंधक
ईपीएफओ की अगली बैठक में पास होगा पांच लाख करोड़ का नया फंड।;

नई दिल्ली. सेवानिवृत्ति कोष प्रबंधक ईपीएफओ अपने करीब पांच लाख करोड़ के कोष के प्रबंधन के लिए नए कोष प्रबंधक के चयन की प्रक्रिया शुरू करने के बारे सलाहकार की नियुक्ति पर फैसला अगले महीने लेगा।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च समिति केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 14 जनवरी को होने वाली बैठक के एजेंडे के मुताबिक इस बैठक में सलाहकार नियुक्ति के प्रस्ताव पर चर्चा होगी और मंजूरी दी जाएगी।
परार्मशक ईपीएफओ के लिए नए कोष प्रबंधक के कामकाज का मूल्यांकन भी करेगा और एक संरक्षक के साथ साथ लेखा परीक्षक की भी नियुक्ति करेगा। फिलहाल क्रिसिल ईपीएफओ को परार्मश सेवायें प्रदान कर रही है। ईपीएफओ के मौजूदा चार कोष प्रबंधकों में - एसबीआई, एचएसबीसी, एएमसी, रिलायंस कैपिटल और आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज प्राइमरी डीलरशिप - को एक सितंबर 2011 से अगले तीन साल के लिए नियुक्त किया गया है। उक्त चार कोष प्रबंधकों में से एसबीआई सबसे अधिक 35 प्रतिशत कोष का प्रबंधन करता है जिसके बाद आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज प्राइमरी डीलरशिप का स्थान है जिसके पास 25 प्रतिशत हिस्सा है। एचएसबीसी एएमसी और रिलायंस कैपिटल 20-20 प्रतिशत कोष का प्रबंधन कर रही है।
पिछली बार ईपीएफओ कोष प्रबंधन के लिये रिलायंस कैपीटल ने 10 हजार रुपए के प्रबंधन पर सालाना 4 पैसे शुल्क लेने की बोली लगाई थी जबकि आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज प्राइमरी डीलरशिप ने 3 पैसे की बोली सौंपी। स्टेट बैंक ने इसी काम के लिये एक पैसे की बोली लगाई जबकि एचएसबीसी एएमसी ने 36 पैसे का शुल्क लगाया।
होगी मुक्त व्यापार समझौतों की समीक्षा
सरकार ने बीते छह महीने में रसोई गैस के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के तहत 184 जिलों में चार करोड़ ग्राहकों के खातों में 2000 करोड़ स्थानांतरित किए हैं। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है। ग्राहकों के बैंक खातों में चार करोड़ से अधिक नकदी स्थानांतरण किया गया है। कुल मिलाकर 2000 करोड़ से अधिक का स्थानांतरण किया गया है। यह योजना इस साल एक जून को शुरू की गई थी ताकि सब्सिडी ग्राहकों के बैंक खातों में सीधे डाली जा सके। रसोई गैस सिलेंडर के लिए सब्सिडी सीधे ग्राहक के बैंक खाते में डाली जाती है जो कि आधार संख्या सम्बद्ध होता है।
सरकार ने डीबीटी ने खातों में डाले 2000 करोड़ रुपये
केंद्रीय वाणिज्य राज्यमंत्री ईएमएस नचियप्पन ने कहा है कि भारत अन्य देशों के साथ सभी मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के प्रावधानों की समीक्षा करेगा ताकि अपने घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यहां एमसीसी चैंबर आफ इंडस्ट्रीज के साथ एक संगोष्ठी में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, भारत ने अन्य देशों के साथ जितने भी एफटीए पर हस्ताक्षर किए हैं, उनके प्रावधानों की समीक्षा की जाएगी। इस तरह के समझौतों के नकारात्मक असर के बारे में अनेक ज्ञापन मिले हैं। हम घरेलू उद्योग की रक्षा करेंगे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भारत-थाइलैंड एफटीए के प्रावधानों का फिर से आकलन किया जाएगा क्योंकि घरेलू इलेक्ट्रानिक्स उद्योग प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस बारे में बातचीत शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा,एफटीए को एक सरंक्षण प्रणाली के रूप में देखा जाना चाहिए न कि घरेलू उद्योग को नष्ट करने वाले के रूप में।
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