काम की खबर: PM धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन क्या है, किसानों को कैसे और कब मिलेगा लाभ? जानिए

PMDDKY- दलहन आत्मनिर्भरता मिशन: किसानों को क्या फायदा होगा, कैसे मिलेगा लाभ? जानिए A to Z
देश के किसानों के लिए एक नहीं दो बड़ी खुशखबरी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली के पूसा परिसर (भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान) से प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का औपचारिक शुभारंभ किया है। ये दोनों योजनाएं कुल 35,440 करोड़ रुपये की हैं, जिनमें PMDDKY के लिए 1.44 लाख करोड़ (6 वर्षों में, प्रति वर्ष 24,000 करोड़) और दलहन मिशन के लिए 11,440 करोड़ का बजट है।
इन दोनों योजनाओं का मकसद किसानों की आय बढ़ाना, फसल उत्पादकता मजबूत करना, आयात पर निर्भरता कम करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना है। ये योजनाएं 2025-26 से 2030-31 तक चलेंगी और सीधे 1.7 करोड़ से अधिक किसानों को लाभ पहुंचाएंगी।
अब सवाल यह उठता है कि ये योजनाएं क्या हैं? किसानों को क्या फायदा होगा, लाभ कैसे मिलेगा? इन्हीं सवालों के बारे में यहां विस्तार से बताया जा रहा है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (PMDDKY) क्या है?
यह योजना 2025-26 के केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषित की थी। 16 जुलाई 2025 को कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी। यह आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित है, जो 2018 में 112 पिछड़े जिलों को बदलने में सफल रही। PMDDKY नई योजना नहीं, बल्कि 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं का समन्वय है, जो 100 कृषि-कमजोर जिलों (कम उत्पादकता, कम फसल बुआई और कम ऋण वाले) पर फोकस करेगी। हर राज्य से कम से कम एक जिला शामिल होगा।
PMDDKY की खासियतें
- अवधि: 6 वर्ष (2025-26 से 2030-31)।
- बजट: कुल 1.44 लाख करोड़ (प्रति वर्ष 24,000 करोड़)।
- लक्ष्य जिलों: 100 (जैसे सूखाग्रस्त या कम उत्पादक क्षेत्र)।
- निगरानी: बहुभाषी मोबाइल ऐप, केंद्रीय डैशबोर्ड (117 संकेतकों पर मासिक रिपोर्ट), जिला/राज्य/राष्ट्रीय स्तर की समितियां (प्रगतिशील किसानों को शामिल)। नीति आयोग और केंद्रीय नोडल अधिकारी गाइड करेंगे।
- शुरुआत: अक्टूबर 2025 की रबी फसल से लागू।
PMDDKY से किसानों को क्या फायदा होगा?
- आय में वृद्धि: उत्पादकता 20-30% बढ़ने से फसल बिक्री से ज्यादा कमाई।
- आधुनिक खेती: उन्नत बीज, तकनीक और विविध फसलें (जैसे दालें, तिलहन के साथ अनाज) से जोखिम कम।
- सिंचाई और भंडारण: सूखा क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी, पंचायत/ब्लॉक स्तर पर गोदाम बनेंगे। फसल की बर्बादी रुकेगी।
- ऋण सुविधा: आसान अल्प/दीर्घकालिक कर्ज, किसान क्रेडिट कार्ड लिमिट 3 लाख से 5 लाख रुपए तक बढ़ी।
- कुल प्रभाव: 1.7 करोड़ किसान (खासकर छोटे/सीमांत) लाभान्वित, ग्रामीण रोजगार बढ़ेगा।
PMDDKY से लाभ कैसे मिलेगा? स्टेप बाय स्टेप जानिए
- स्टेप 1: जिला स्तर पर योजना तैयार: किसानों की सूची बनेगी (PM किसान, आधार से लिंक)।
- स्टेप 2: ट्रेनिंग और संसाधन: मोबाइल ऐप से सलाह, सब्सिडी पर ट्रैक्टर/पंप सेट/उर्वरक।
- स्टेप 3: फसल बुआई: विविधीकरण के लिए प्रोत्साहन (बीज सब्सिडी 50% तक)।
- स्टेप 4: बिक्री/भंडारण: बाजार लिंकेज, MSP पर खरीद।
आवेदन: स्थानीय कृषि कार्यालय/ऑनलाइन पोर्टल (pmkisan.gov.in) से रजिस्ट्रेशन। लाभ सीधे DBT से खाते में जमा होगा।

दलहन आत्मनिर्भरता मिशन क्या है?
यह मिशन भी 2025-26 बजट में घोषित हुआ, जो भारत को दालों (पल्सेस) में आयात-मुक्त बनाने का लक्ष्य रखता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक/उपभोक्ता है, लेकिन 56% आयात पर निर्भर (2024 में 3.28 बिलियन डॉलर का आयात)। मिशन तूर/अरहर, उड़द और मसूर पर फोकस करेगा, जो कुल दलहन उत्पादन का बड़ा हिस्सा हैं। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM-दलहन) से जुड़ा है।
दलहन आत्मनिर्भरता की खासियतें
- अवधि: 6 वर्ष (2025-26 से 2030-31)।
- बजट: 11,440 करोड़।
- लक्ष्य क्षेत्र: 416 जिले (सभी राज्यों में, खासकर जहां दलहन बुआई कम)।
- लक्ष्य: बुआई क्षेत्र 275 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 310 लाख हेक्टेयर; उत्पादन में 20-25% वृद्धि।
- निगरानी: NAFED/NCCF के जरिए MSP खरीद, आदर्श दलहन गांव स्थापना, PM-AASHA योजना से लिंक।
- शुरुआत: खरीफ/गर्मी फसल से तत्काल प्रभाव।
किसानों को क्या फायदा होगा?
- आर्थिक लाभ: MSP पर गारंटीड खरीद से अच्छा दाम (चना MSP ↑, तूर/उड़द पर फोकस)।
- उत्पादकता: जलवायु-अनुकूल बीज, प्रोटीन-समृद्ध किस्में– पैदावार 15-20% ↑।
- भंडारण/बिक्री: कटाई बाद सुविधाएं, बाजार लिंकेज– नुकसान कम।
- आत्मनिर्भरता: आयात कम होने से दालों के दाम स्थिर, किसानों को निर्यात अवसर।
- कुल प्रभाव: 1 करोड़+ किसान लाभान्वित, खासकर मध्य/पूर्वी भारत में; प्रति एकड़ ₹10,000+ प्रोत्साहन।
लाभ कैसे मिलेगा? स्टेप बाय स्टेप जानिए
- स्टेप 1: रजिस्ट्रेशन– NAFED/स्थानीय कृषि विभाग से, 4 वर्षों के लिए अनुबंध।
- स्टेप 2: बीज/इनपुट– सब्सिडी पर उच्च गुणवत्ता वाले बीज (50% तक), ट्रेनिंग।
- स्टेप 3: बुआई/उत्पादन– उत्पादकता बढ़ाने के लिए उर्वरक/यंत्र सब्सिडी (जैसे 25 लाख/इकाई पर)।
- स्टेप 4: खरीद/भुगतान– MSP आधारित खरीद, DBT से तत्काल भुगतान।
- आवेदन: nfsm.gov.in या स्थानीय कार्यालय से; लक्षित जिलों में प्राथमिकता।
किसानों के लिए क्यों जरूरी?
ये योजनाएं किसानों को 'गुजारे की खेती' से 'लाभकारी व्यवसाय' की ओर ले जाएंगी। PMDDKY से सामान्य कृषि मजबूत होगी, जबकि दलहन मिशन से दालों में आत्मनिर्भरता आएगी। नतीजन, आय दोगुनी होगी और जोखिम कम रहेगा। छोटे किसानों को प्राथमिकता है और डिजिटल टूल्स से सब आसान। अगर आपका जिला कवर है, तो तुरंत स्थानीय कृषि अधिकारी से संपर्क करें। अधिक जानकारी के लिए pmkisan.gov.in या nfsm.gov.in चेक करें।
