MP News: घटिया हर्बिसाइड पर कड़ी कार्रवाई, किसानों की सुरक्षा के लिए शिवराज सिंह ने उठाया बड़ा कदम

शिवराज सिंह चौहान ने Substandard Herbicide बेचने वाली कंपनियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
Mp Latest News: मध्य प्रदेश में लंबे समय से किसानों को नकली और घटिया खाद-बीज व कीटनाशकों की समस्या झेलनी पड़ रही थी। हाल ही क्लोरीम्यूरॉन एथिल नामक हर्बिसाइड के इस्तेमाल से सोयाबीन की फसल खराब होने की शिकायतें बढ़ीं। किसानों की चिंता को देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए।
कृषि विभाग ने बाजार से हर्बिसाइड के सैंपल लेकर जांच की। नतीजे सामने आए तो पाया गया कि यह उत्पाद अमानक है और फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके बाद विदिशा, देवास और धार जिलों में तीन कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। दोषी कंपनियों का स्टॉक तुरंत जब्त किया गया और बिक्री पर रोक लगा दी गई।
डीलरों के लाइसेंस रद्द
जहां-जहां यह घटिया हर्बिसाइड बेचा गया था, वहां के डीलरों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं। शिवराज सिंह ने राज्य सरकारों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जांच पूरी होने तक कंपनियों और डीलरों के लाइसेंस निलंबित रखें।
किसानों की खुशहाली ही प्राथमिकता
बैठक में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब वे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब भी उन्होंने किसानों को नकली खाद और कीटनाशकों से बचाने के लिए सख्त व्यवस्था बनाई थी। अब कृषि मंत्री के रूप में वे लगातार किसानों की समस्याएं सुन रहे हैं और समाधान के लिए कदम उठा रहे हैं।
नकली उत्पादों के खिलाफ सख्त कानून
शिवराज सिंह ने साफ कहा कि किसानों की मेहनत और फसलों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए वे नकली खाद, बीज और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कानून बनाने पर काम कर रहे हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बाजार में अचानक छापेमारी करें और दोषी कंपनियों पर तुरंत कार्रवाई करें।

क्यों है यह खबर किसानों के लिए जरूरी?
यह खबर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि किसान अक्सर महंगे दामों पर खाद और दवाइयां खरीदते हैं, लेकिन अगर वह घटिया निकल जाएं तो उनकी पूरी मेहनत और फसल बर्बाद हो जाती है। सरकार की इस कार्रवाई से किसानों का भरोसा बढ़ेगा और भविष्य में उनकी फसलें सुरक्षित रहेंगी।
निष्कर्ष:
किसानों को नकली और घटिया कृषि उत्पादों से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। FIR, लाइसेंस रद्दीकरण और सख्त कानून की तैयारी से किसानों को राहत मिलेगी और उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित रहेगी।
