अग्नि-5 का काउंटडाउन शुरू, दिसंबर में होने वाला यह तीसरा टेस्ट, जानिए इसकी खूबियां

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By - ????? ???? |24 Oct 2014 6:30 PM
यह टेस्ट इस मिसाइल का तीसरा टेस्ट होगा।
नई दिल्ली. भारत की सामरिक-रणनीतिक क्षमता में कई गुना का इजाफा करने की क्षमता रखने वाली लंबी दूरी की बेलेस्टिक मिसाइल अग्नि-5 की असल अग्नि परीक्षा का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। जल्द ही इसका तीसरा टेस्ट होने वाला है, जिसमें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) केनेस्टराइज पद्धति से मिसाइल के परीक्षणों की शुरूआत करने वाला है। इस वर्ष दिसंबर महीने में होने वाला यह टेस्ट इस मिसाइल का तीसरा टेस्ट होगा। इससे पहले हो चुके दो परीक्षण खुले में लांचर से किए गए थे।
डीआरडीओ वैज्ञानिक और मीडिया विभाग के प्रवक्ता डॉ.रवि गुप्ता ने हरिभूमि से खास बातचीत में कहा कि दिसंबर की शुरूआत में अग्नि -5 मिसाइल के केनेस्टराइज पद्वति से परीक्षणों की शुरूआत होगी। इस पद्धति से मिसाइल के लगभग चार टेस्ट किए जाएंगे जिनके सफल होने के बाद मिसाइल को आधिकारिक उत्पादन और तैनाती के लिए हरीझंडी मिल जाएगी।
क्या है केनेस्टराइज पद्धति?
केनेस्टराइज पद्धति में मिसाइल को एक केनस्टर यानि एक बंद कंटेनर जैसे खाके में डालकर लांचिंग साइट पर लाया जाता है। इसमें लांच के समय लगभग 30 मीटर ऊपर जाने के बाद मिसाइल का मीटर शुरू होगा जिससे उस दौरान निकलने वाली हानिकारक गैसें कम जगह पर फैलेंगी। इसके अलावा इससे मिसाइल को भारी-भरकम लांचिंग पैड से लादकर ले जाने से भी निजात मिलेगी। अब सीधे इसे शंक्वाकार आकार के केनेस्टर में डालकर सीधे परीक्षण किया जा सकेगा। डॉ.गुप्ता ने कहा कि मिसाइल के अंदर पहली बार शंक्वाकार (कोनीकल) कंपोजिट रॉकेट मोटर बनायी है जो कि कार्बन कंपोजिट से बनी हुई है। कार्बन कंपोजिट की ताकत ज्यादा नहीं होती है, जिससे इसका भार कम हो जाता है। इस पद्धति को जांचने के लिए डीआरडीओ ने दो बार पूर्व में परीक्षण किए हैं, जिसमें केनेस्टराइज पद्धति से जुड़े हर छोटे-बड़े पहलू को जांचा-परखा गया है। पद्धति से जुड़े सभी मानकों पर यह टेस्ट खरे उतरे हैं।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, मिशाइल की खूबियां -
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