सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के उन्नत संस्करण का हुआ सफल परीक्षण

बालेश्वर. ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से मंगलवार को सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 290 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के उन्नत संस्करण का सुबह 10:40 बजे सफल परीक्षण किया गया।
यह मिसाइल अपने साथ 200 किलोग्राम वजनी मुखास्त्र ले जाने में सक्षम है। ब्रह्मोस को थोड़े बहुत बदलाव के साथ किसी भी जहाज अथवा पनडुब्बी पर लगाया जा सकता है। नौ मीटर लंबी और लगभग तीन टन वजनी यह मिसाइल 14 किलोमीटर की ऊंचाई तक ध्वनि से दोगुनी गति से उड़ सकती है। इस मिसाइल का पहला परीक्षण 12 जून 2001 को हुआ था।
इस दो चरण वाली मिसाइल को पहले ही सेना और नौसेना में शामिल किया जा चुका है और वायुसेना का संस्करण परीक्षण के आखिरी दौर में है। साल 2005 में भारतीय नौसेना में ब्रह्मोस प्रणाली के पहले संस्करण को शामिल किए जाने के बाद अब यह सेना की दो रेजीमेंट में भी पूरी तरह से परिचालित है। ब्रह्मोस भारत और रूस का संयुक्त उपक्रम है। इसका नाम ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की राजधानी मास्को के नाम से लिया गया है।
यह मिसाइल पनडुब्बी, जहाज और विमान से दागी जा सकती है। समुद्र और सतह से मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया जा चुका है और इसे थल सेना एवं नौसेना में शामिल किया जा चुका है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रवक्ता प्रवीण पाठक ने एक बयान में कहा कि ताजा परीक्षण में मिसाइल ने 2.8 माच की तेजी से निर्धारित 290 किलोमीटर की दूरी तक बिल्कुल सटीक मार की।
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