खुद नहीं हटीं, दबाव में हटाई गईं जयंती नटराजन?

खुद नहीं हटीं, दबाव में हटाई गईं जयंती नटराजन?
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केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने इस्तीफा दे दिया है।

नई दिल्ली. पर्यावरण मंत्रालय से जयंती नटराजन के इस्तीफे में एक नया ट्विस्ट आ गया है। सूत्रों की मानें तो जयंती ने संगठन में जाने के लिए अपना इस्तीफा नहीं दिया बल्कि उनसे खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस्तीफा देने के लिए कहा था। जयंती पर आरोप था कि वो पर्यावरण मुद्दों के आधार पर कई योजनाओं को मंजूरी नहीं दे रही थीं और इसलिए कई अहम प्रोजेक्ट अटके हुए थे।

जयंती को हटाकर अब केंद्र सरकार ने उद्योग जगत को ये संदेश देने की कोशिश की है कि सरकार उनके साथ है और वो उद्योगों की रफ्तार थमने नहीं देगी। यहां ये भी ध्यान देने वाली बात है कि जयंती के इस्तीफे की खबर राहुल गांधी के फिक्की में होने वाले भाषण से कुछ देर पहले ही आई थी। सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी के दबाव के बाद ही जयंती को हटाया गया है। कुछ दिनों पहले कई उद्योगपतियों ने राहुल गांधी से मुलाकात कर पर्यावरण मंत्रालय पर ये आरोप लगाया था कि वो अहम योजनाओं को पर्यावरण मंजूरी के नाम पर लटका रहा है।

उधर जयंती नटराजन से सीएनएनआईबीएन से कहा कि ये सारी बातें निराधार हैं मेरी वजह से कोई प्रोजेक्ट नहीं रुका। राहुल पारदर्शिता की बात कर रहे हैं जिसका मैंने हमेशा ध्यान रखा है। वीरप्पाच मोइली को पर्यावरण मंत्रालय का प्रभार देने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में मैं कोई कमेंट नहीं करना चाहती ये पीएम का फैसला है और उस बारे में मुझे कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है।

केंद्रीय मंत्री जयंती नटराजन के अलावा कुछ और मंत्री भी इस्तीफा दे सकते हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, जयराम रमेश, भंवर जितेंद्र सिंह और सचिन पायलट भी इस्तीफा दे सकते हैं। ये सभी लोग मंत्रीपद से इस्तीफा देकर कांग्रेस संगठन में जा सकते हैं
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस में कई बड़े परिवर्तन किये गए हैं और कई और किये जाने हैं। इससे पहले दिल्ली व छत्तीसगढ़ के नए प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं। दिल्ली में जहां जेपी अग्रवाल के स्थान पर अरविंदर सिंह लवली को लाया गया है, वहीं छत्तीसगढ़ में भुपेश बघेल को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है।
राजस्थान में आएंगे पायलट
अजमेर से सांसद और युवा केंद्रीय राज्य मंत्री सचिन पायलट को राजस्थान की कमान सौंपे जाने की चर्चा जोरों पर है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी आलाकमान यंग चेहरों को आगे लाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, बाडमेर के सांसद और एआईसीसी सचिव हरीश चौधरी के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।

मध्यप्रदेश में सिंधिया का जोर
मध्य प्रदेश के पीसीसी चीफ कांतिलाल भूरिया को लेकर भी बदलाव की खबरें आ रही हैं। हालांकि भूरिया भी अपने इस्तीफे की पेशकश भोपाल से लेकर दिल्ली तक कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश में गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी का चेहरा बनाने पर विचार जारी है।

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