बड़े फैसलों के लिए DRDO के नहीं लगाने पड़ेंगे चक्कर, 7 कलस्टरों को अधिकार

X
By - kavita Joshi |18 Feb 2015 6:30 PM
रक्षा मंत्रालय ने रक्षा शोध के क्षेत्र में बड़े फैसले करने के लिए डीआरडीओ को 7 कलस्टरों में बांटा गया है।
नई दिल्ली. रक्षा शोध एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की देशभर में फैली प्रयोगशालाओं को अब अपने तमाम बड़े फैसले लेने के लिए डीआरडीओ के दिल्ली स्थित मुख्यालय का मोहताज नहीं होना पड़ेगा। रक्षा मंत्रालय ने डीआरडीओ की शक्ति का विकेंद्रीकरण कर दिया है, जिससे यह तमाम प्रयोगशालाएं अपने कलस्टर मुख्यालय से ही स्वतंत्र रूप से निर्णय प्राप्त कर लेंगी। यह जानकारी यहां बेंगलुरु के येलहंका वायुसैनिक अड्डे में बुधवार को अंतरराष्ट्रीय वैमानिकी शो एरो इंडिया-2015 के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हरिभूमि द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में दी।
सात कलस्टरों को अधिकार
रक्षा मंत्रालय ने रक्षा शोध के क्षेत्र में बड़े फैसले करने के लिए डीआरडीओ को 7 कलस्टरों में बांटा गया है। इन कलस्टरों में प्रत्येक का महानिदेशक निर्णय लेने में पूरी तरह से सक्षम होगा। उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाली प्रयोगशालाएं सीधे अपने कलस्टर मुख्यालय से दिशानिर्देंश और जरूरी फैसले आसानी से प्राप्त कर सकेंगी। इसके लिए डीआरडीओ मुख्यालय की परिक्रमा नहीं करनी होगी।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, रक्षा सचिव के पास अतिरिक्त कार्यभार -
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS