अपराध नहीं होगा आत्महत्या की कोशिश, सरकार कानून में कर रही है संशोधन

अपराध नहीं होगा आत्महत्या की कोशिश, सरकार कानून में कर रही है संशोधन
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सरकार आईपीसी की धारा 309 को खत्म करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी की सरकार कई कानूनों में संसोधन या बदलाव पर गौर कर रही है, इसके तहत गृह मंत्रालय ने खुदकुशी की कोशिश को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने की पेशकश की है। इससे पहले जुवेनाइल कानून तथा घरेलू हिंसा कानून में संसोधन पर भी विचार किया गया है। लोकसभा में चर्चा के दौरान गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजु ने अपने लिखित जवाब में कहा कि सरकार आईपीसी की धारा 309 को खत्म करने पर विचार कर रही है, कानून आयोग ने मांग की है कि आईपीसी सेक्शन 309 को हटाने की जरूरत है।
आयोग ने 309 की मान्यताओं को अमानवीय बताया है, जिसका उपयोग परेशान लोगों को और भी परेशान करने में किया जाता है। आयोग का मानना है कि खुदकुशी की कोशिश करने वाला मानसिक रूप से बीमार होता है, उसे इलाज की जरूरत होती है ना कि सजा की। पहले भी कई बार कानून विशेषज्ञ इसकी आलोचना कर चुके हैं, आयोग 309 को तानाशाही कानून मानता है। उसका कहना है कि यह संवैधानिक है या असंवैधानिक यह एक चर्चा का विषय है। वहीं खुदकुशी को अपराध मानने वाले कानून विशेषज्ञों का मानना है कि मनुष्य की जिन्दगी की अपनी गरिमा है जिसे बचाना बेहद जरूरी होना चाहिए। खुदकुशी को सजा के दायरे से हटाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि इस पर हर राज्य के अपने- अपने विचार हैं। सामाजिक विशेषज्ञ यह मानते हैं कि खुदकुशी एक सामाजिक बिमारी है जिसका निपटारा बिमार व्यक्ति के परिवार वाले ही कर सकते हैं। सरकार इस कानून के साथ ही साथ अन्य कानूनों पर भी जल्द ही संशोधन कर सकती है।
नीचे की स्‍लाइड्स में पढ़िए, मौत की सजा पर हो रहा विचार -
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