बिजली संकट: अपने हिस्‍से से ज्‍यादा बिजली ना ले राज्‍य सरकारें- एसोचैम

बिजली संकट: अपने हिस्‍से से ज्‍यादा बिजली ना ले राज्‍य सरकारें- एसोचैम
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एसोचैम ने सरकार से राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर सभी ट्रांसमिशन लाइनों का हवाई निरीक्षण करने की भी मांग की है।

नई दिल्ली. दिल्‍ली समेत देश के अन्‍य राज्‍यों मे हो रही बिजली कटौती के कारणों पर उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा है कि ग्रिड से अपने हिस्से से ज्यादा बिजली लेने वाले राज्यों पर जुर्माना लगाया जाए। एसोचैम ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ऊर्जा आपूर्ति में सबसे अधिक समस्या राज्यों के अपने आवंटित हिस्से से ज्यादा बिजली लेने के कारण होती है। इस कारण वैसी ही समस्या पैदा हो सकती है जैसी वर्ष 2012 में हुई थी।

दो साल पहले कुछ राज्यों के ज्यादा बिजली लेने से पूरा उत्तरी ग्रिड फेल हो गया था जिससे उत्तर भारत के कई राज्यों में बिजली चली गई थी। एसोचैम का कहना है कि ऎसी किसी भी स्थिति का सीधा असर औद्योगिक उत्पादन पर पड़ता है। बिजली आपूर्ति की अन्य समस्याओं में एसोचैम ने जर्जर ट्रांसमिशन लाइनों तथा आपातकालीन परिस्थितियों के लिए पुख्ता व्यवस्था न होना बताया है।

संगठन ने सरकार से राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर सभी ट्रांसमिशन लाइनों का हवाई निरीक्षण कर उनका जायजा लेने तथा आपातकालीन स्थिति के लिए पुख्ता इंतजाम करने का अनुरोध किया है। ताकि आंधी-तूफान या तेज बारिश और ओला वृष्टि जैसे हालातों में ट्रांसमिशन लाइनों तथा ट्रांसफार्मरों में आयी खराबियों को कम से कम समय में ठीक किया जा सके।
पिछले महीने की 30 तारीख को दिल्ली और आसपास के इलाकों में आए आंधी-तूफान के बाद राजधानी में घंटों गुल रही बिजली और आज तक जारी बिजली कटौती का जिक्र करते हुए एसोचैम ने कहा कि इससे साफ है कि दिल्ली ट्रांसको ने ट्रांसमिशन लाइनों और ट्रांसफार्मरों के रखरखाव और आधुनिकीकरण पर ध्यान नहीं दिया है।
नीचे की स्‍लाइड्स में जानि‍ए, क्‍या कहा एसोचैम ने -

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