821.63 करोड़ के 12 एफडीआई प्रस्ताव पास

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By - haribhoomi.com |4 Dec 2013 4:58 AM
सरकार ने 821.63 करोड़ के 12 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
नई दिल्ली. सरकार ने 821.63 करोड़ के 12 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है। इसमें स्वीडन की फैशन क्षेत्र की कंपनी हेंस एंड मारित्ज का निवेश प्रस्ताव भी शामिल है। वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की 13 नवंबर को हुई बैठक की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने 821.63 करोड़ के 12 एफडीआई प्रस्तावों को मंजूरी दी है।
हालांकि, ब्रिटेन की दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के भारतीय इकाई में अपनी हिस्सेदारी मौजूदा 64.38 फीसदी से बढ़ाकर शतप्रतिशत करने के प्रस्ताव को एजेंडा से हटा लिया गया। वोडाफोन इंटरनेशनल होल्डिंग्स की अप्रत्यक्ष मारीशस इकाई सीजीपी इंडिया इन्वेस्टमेंट्स के 10,141 करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर अब एफआईपीबी की 6 दिसंबर को होने वाली बैठक में विचार होगा। इसी तरह स्वीडन की भवन निर्माण सामग्री कंपनी होल्सिम के निवेश प्रस्ताव को अभी रोक लिया गया है। वहीं हेंस एंड मारित्ज के 720 करोड़ के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। जिन अन्य एफडीआई प्रस्तावों को मंजूर किया गया है उनमें कैपिटल इन्वेस्टमेंट लि. मारीशस, वियाकाम 18 मीडिया प्राइवेट लि., हाउको पेट्रोफर एलएलपी मुंबई, और ग्रीन डेस्टिनेशंस होल्डिंग्स मारीशस के प्रस्ताव शामिल हैं।
तंजानिया से वार्ता कर रही गेल
देश की सबसे बड़ी प्राकृतिक गैस वितरक कंपनी गेल इंडिया ने कहा कि वह ओफिर एनर्जी से तंजानिया के गैस ब्लाक में 10 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए बातचीत कर रही है। 8वें एशिया गैस भागीदारी सम्मेलन में गेल के निदेशक ने जानकारी दी। उन्होंने कहा,‘हम बातचीत कर रहे हैं। सिंगापुर की पविलियन एनर्जी द्वारा ओफिर की आधी हिस्सेदारी खरीदने की रपटों के बावजूद हमारी बातचीत जारी है।’ उल्लेखनीय है कि गेल ने ओफिर एनर्जी के एक, तीन और चार गैस ब्लॉक में 20 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखाई है।
एफडीआई प्रवाह सितंबर में 38 प्रतिशत घटा
देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सितंबर में करीब 38 प्रतिशत घटकर 2.91 अरब डालर रहा। एक साल पहले सितंबर, 2012 में देश में 4.67 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आया था। औद्योगिक नीति एवं सवंर्धन विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2013-14 में अप्रैल-सितंबर के दौरान एफडीआई 11 प्रतिशत घटकर 11.37 अरब डालर रहा जो 2012-13 की पहली छमाही में 12.84 अरब डालर था। सेवा और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में एफडीआई घटा है। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान सेवा, दूरसंचार तथा धात्विक उद्योगों में एफडीआई क्रमश: 1.32 अरब डालर, 3.2 करोड़ डालर तथा 24 करोड़ डालर रहा। वहीं पिछले वित्त वर्ष के पहले छह महीने में सेवा क्षेत्र में 3.04 अरब डालर, दूरसंचार 4.3 करोड़ डालर तथा धात्विक उद्योग में 68.5 करोड़ डालर का एफडीआई आया था। हालांकि विभिन्न अनुमानों के अनुसार सरकार द्वारा हाल में उठाये गये कदमों से देश में निवेश माहौल में सुधार और एफडीआई प्रवाह बढ़ने की उम्मीद है।
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