खुशखबरी: इंजीनियरिंग छात्रों के लिए प्रारम्भ होगा स्टार्टअप कोर्स

खुशखबरी: इंजीनियरिंग छात्रों के लिए प्रारम्भ होगा स्टार्टअप कोर्स
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बढ़ रही बेरोजगारी के कारण इंजीनियरिंग सेक्टर में स्टार्टअप कोर्स शुरू करने की तैयारी की जा रही है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल काउंसिल ने इसकी रूपरेखा तैयार करनी प्रारंभ कर दी है।

बढ़ रही बेरोजगारी के कारण इंजीनियरिंग सेक्टर में स्टार्टअप कोर्स शुरू करने की तैयारी की जा रही है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल काउंसिल ने इसकी रूपरेखा तैयार करनी प्रारंभ कर दी है।

अगले शैक्षणिक सत्र से इसे प्रारंभ किया जा सकता है। एआईसीटीई का मानना है, कई सेक्टर रोजगार की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इंजीनियरिंग छात्रों के बीच बेरोजगारी बढ़ रही है, इसलिए इंजीनियरिंग छात्रों के बीच स्टार्टअप को प्रमोट करने का प्लान बनाया है।

रोजगार की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए नए इंजीनियरों को एंट्रप्रेन्योर (उद्यमी) बनाना बेहद जरूरी हो गया है। एआईसीटीई इंजीनियरिंग छात्रों के बीच स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए हरसंभव प्रयास करने में जुटा है।

छात्रों के स्टार्टअप संबंधित विचारों को बढ़ावा देने के लिए एआईसीटीई हैकथॉन का भी आयोजन करेगी। 22 राज्यों में इसके लिए 40 केंद्र बनाए जाएंगे। हैकथॉन में छात्रों से स्टार्टअप संबंधी विचार मांगे जाएंगे। अच्छे आइडियाज को प्रमोट करने योजना भी बनाई जाएगी।

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छात्रों को दी जाएगी ट्रेनिंग

स्टार्टअप कोर्स के अंतर्गत एआईसीटीई सभी ब्रांच के छात्रों के लिए मैनेजमेंट, मार्केट स्टडी, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और फाइनेंस में कोर्स शुरू करेगा। इसके अंतर्गत इंजीनियरिंग छात्रों को खुद का उद्यम शुरू करने प्रशिक्षण दिया जाएगा।

छात्रों को स्टार्टअप शुरू करने की ट्रेनिंग देने के साथ ही सॉफ्ट स्किल जैसे संवाद करना, नए प्रोडक्ट को लांच करना और उपभोक्ता से फीडबैक लेने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। हर कॉलेज के लिए स्टार्टअप को प्रमोट करना अनिवार्य होगा।

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इसके लिए कॉलेजों को अपने परिसर में इंक्यूबेटर स्थापित करना होगा और छात्रों की ट्रेनिंग दिलवाने की पूरी व्यवस्था करनी होगी। इसके लिए कॉलेज नीति आयोग या विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से फंड की व्यवस्था किए जाने पर विचार हो रहा है। कॉलेज अपने फंड से भी इसे कर सकते हैं।

सॉफ्ट स्किल जरूरी

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ ही छात्रों में सॉफ्ट स्किल डेव्लप करना भी जरूरी है। जॉब सेक्टर की डिमांड को देखते हुए छात्रों को तैयार किया जाना चाहिए।

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