भारत को एक और झटका देंगे ट्रंप: चावल पर अमेरिका लगा सकता है एक्स्ट्रा टैरिफ, किसानों और एक्सपोर्टर्स की बढ़ी चिंता

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत और कनाडा पर एक बार फिर सख्ती के संकेत दिए हैं। ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका भारत से आने वाले चावल और कनाडा से आने वाली खाद पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। उनका दावा है कि दूसरे देशों का सस्ता सामान अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान पहुंचा रहा है।
व्हाइट हाउस में किसानों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा करते हुए ट्रम्प ने कहा कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देश अमेरिका में बहुत सस्ता चावल बेच रहे हैं, जिसे उन्होंने 'डंपिंग' बताया। ट्रम्प ने अपने वित्त मंत्री से पूछा कि क्या भारत को चावल पर किसी तरह की छूट मिली है। इस पर मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है।
ट्रम्प ने कनाडा पर भी सख्ती दिखाते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो कनाडा से आने वाली पोटाश खाद पर भी कड़े टैरिफ लगाए जा सकते हैं। अभी कनाडा अमेरिका का सबसे बड़ा पोटाश सप्लायर है और उसे व्यापार समझौतों का संरक्षण मिलता रहा है।
#WATCH | US President Donald Trump asks the United States Secretary of the Treasury, Scott Bessent, "Why is India allowed to do that ("dumping rice into the US")? They have to pay tariffs. Do they have an exemption on rice?"
— ANI (@ANI) December 8, 2025
United States Secretary of the Treasury, Scott Bessent… pic.twitter.com/75tKFYt37G
हाल ही में अमेरिका में महंगाई और बढ़ती कीमतों को लेकर ट्रम्प पर काफी दबाव है। किसान बढ़ती लागत से परेशान हैं और अगर खाद पर नया टैरिफ लगाया गया तो उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। अमेरिका पहले ही पोटाश और फॉस्फेट को क्रिटिकल मिनरल्स की सूची में डाल चुका है ताकि इनकी सप्लाई प्रभावित न हो।
आसान भाषा में समझिए , डंपिंग क्या है?
जब कोई देश अपनी चीजें दूसरे देश में बहुत कम दाम पर बेचता है, जिससे वहां की लोकल कंपनियां उस कीमत पर मुकाबला ही नहीं कर पातीं इसे डंपिंग कहा जाता है। धीरे-धीरे उस देश का बाजार विदेशी माल से भर जाता है और लोकल उद्योग कमजोर पड़ने लगते हैं।
US पहले ही भारत पर 50% टैरिफ लगा चुका है
ट्रम्प अपनी “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत पहले भी विदेशी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगा चुके हैं। भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया जा चुका है, जिसमें 25% रूसी तेल खरीदने के कारण लगाया गया एक्स्ट्रा टैरिफ भी शामिल है।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका को भारत से बहुत ज्यादा चावल नहीं मिलता, इसलिए इसका असर पूरी भारतीय चावल इंडस्ट्री पर सीमित रहेगा। लेकिन जो निर्यातक अमेरिका पर निर्भर हैं, उनके लिए मुश्किलें जरूर बढ़ेंगी।
