बुर्ज खलीफा से ऊंची होगी ये बिल्डिंग, काम हुआ शुरू
इसके निर्माण में दुनिया की श्रेष्ठतम तकनीक और प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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haribhoomi.comCreated On: 14 Oct 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. दुबई में बुर्ज खलीफा से भी ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची इमारत का निर्माण शुरू हो गया है। एम्मार प्रॉपर्टीज द्वारा बनाई जाने वाली इस 'द टॉवर' नाम की इमारत 2020 में बनकर तैयार हो जाएगी। इसकी ऊंचाई बुर्ज खलीफा से भी 100 मीटर ज्यादा होगी।
सोमवार 10 अक्तूबर को दुबई के शासक, प्रधानमंत्री और उपाध्यक्ष शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम, दुबई होल्डिंग के चेयरमैन मोहम्मद अल गेरगावी, एम्मार प्रॉपर्टीज के चेयरमैन मोहम्मद अलाबार समेत कई प्रमुख शख्सियतों की मौजूदगी में इस इमारत की आधारशिला रखी गई। दावा किया जा रहा है कि 'द टॉवर' की ऊंचाई बुर्ज खलीफा से 100 मीटर ज्यादा होगी। इसके निर्माण में 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 6,700 करोड़ रुपए) की लागत आएगी।
बनने के बाद दुनिया में सबसे ऊंची इमारत की डिजाइन दुनिया के मशहूर आर्किटेक्ट सैंटियागो कालात्रावा ने तैयार की है। इसकी प्रमुख खासियत यह होगी कि इसकी डेक से दुबई का 360 डिग्री व्यू देखने का मौका मिलेगा। बताया जा रहा है कि 2020 में दुबई में आयोजित होने वाले ट्रेड फेयर एक्सपो से पहले इस टॉवर का निर्माण पूरा हो जाएगा। मीनार की तरह दिखाई देने वाले इस टॉवर का आकार अपेक्षाकृत पतला होगा और इसे मजबूती देने के लिए जमीन से स्टील के केबलों का सहारा दिया जाएगा।
दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 10 मिनट की दूरी पर क्रीक हार्बर में बनने वाले इस ऊंचे टॉवर का मकसद दुनिया भर के पर्यटकों को दुबई की ओर आकर्षित करना है। दुनिया के सबसे बड़े पूर्णतया सुनियोजित विकासशील इलाकों में से एक दुबई क्रीक हार्बर में नवीनतम डिजाइन, इंजीनियरिंग और निरंतरता की खूबियां दिखेंगी। इसके अंतर्गत अगली पीढ़ी का स्मार्ट हब विकसित होगा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नवीनतम विकास को शामिल करने वाली एडवांस्ड डिजिटल लाइफस्टाइल शामिल होगी।
दुबई प्लान 2021 के लक्ष्यों को पूरा करने वाला यह टॉवर दुबई को ग्लोबल बिजनेस और लेजर हब के रूप में स्थापित करेगा। इसके साथ ही पर्यटन, आतिथ्य, उड्डयन और रिटेल जैसे कोर सेक्टर्स के विकास को बढ़ाकर देश के आर्थिक विकास में गति लाएगा। इसके निर्माण में दुनिया की श्रेष्ठतम तकनीक और प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि यह सुरक्षा के अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर खरा उतरे। इसके लिए विंड इंजीनियरिंग और सीस्मिक टेस्ट की बिल्कुल नई अवधारणाओं का इस्तेमाल किया गया है।
कैच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस टॉवर की सबसे बड़ी खासियत इसका पिनैकल रूम होगा जो शहर का एक अद्भुत दृश्य मुहैया कराएगा। जबकि इसमें बने तमाम वीआइपी ऑब्जर्वेशन गार्डन डेक्स हर प्रमुख शख्सियतों को अनोखा नजारा दिखाएंगे। इस इमारत में गतिशील प्रकाश की व्यवस्था होगी जिसके जरिये दिन हो या रात यह हर वक्त एक अलग खूबसूरती बिखेरेगा।
सोमवार 10 अक्तूबर को दुबई के शासक, प्रधानमंत्री और उपाध्यक्ष शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मक्तूम, दुबई होल्डिंग के चेयरमैन मोहम्मद अल गेरगावी, एम्मार प्रॉपर्टीज के चेयरमैन मोहम्मद अलाबार समेत कई प्रमुख शख्सियतों की मौजूदगी में इस इमारत की आधारशिला रखी गई। दावा किया जा रहा है कि 'द टॉवर' की ऊंचाई बुर्ज खलीफा से 100 मीटर ज्यादा होगी। इसके निर्माण में 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 6,700 करोड़ रुपए) की लागत आएगी।
बनने के बाद दुनिया में सबसे ऊंची इमारत की डिजाइन दुनिया के मशहूर आर्किटेक्ट सैंटियागो कालात्रावा ने तैयार की है। इसकी प्रमुख खासियत यह होगी कि इसकी डेक से दुबई का 360 डिग्री व्यू देखने का मौका मिलेगा। बताया जा रहा है कि 2020 में दुबई में आयोजित होने वाले ट्रेड फेयर एक्सपो से पहले इस टॉवर का निर्माण पूरा हो जाएगा। मीनार की तरह दिखाई देने वाले इस टॉवर का आकार अपेक्षाकृत पतला होगा और इसे मजबूती देने के लिए जमीन से स्टील के केबलों का सहारा दिया जाएगा।
दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 10 मिनट की दूरी पर क्रीक हार्बर में बनने वाले इस ऊंचे टॉवर का मकसद दुनिया भर के पर्यटकों को दुबई की ओर आकर्षित करना है। दुनिया के सबसे बड़े पूर्णतया सुनियोजित विकासशील इलाकों में से एक दुबई क्रीक हार्बर में नवीनतम डिजाइन, इंजीनियरिंग और निरंतरता की खूबियां दिखेंगी। इसके अंतर्गत अगली पीढ़ी का स्मार्ट हब विकसित होगा जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के नवीनतम विकास को शामिल करने वाली एडवांस्ड डिजिटल लाइफस्टाइल शामिल होगी।
दुबई प्लान 2021 के लक्ष्यों को पूरा करने वाला यह टॉवर दुबई को ग्लोबल बिजनेस और लेजर हब के रूप में स्थापित करेगा। इसके साथ ही पर्यटन, आतिथ्य, उड्डयन और रिटेल जैसे कोर सेक्टर्स के विकास को बढ़ाकर देश के आर्थिक विकास में गति लाएगा। इसके निर्माण में दुनिया की श्रेष्ठतम तकनीक और प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि यह सुरक्षा के अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों पर खरा उतरे। इसके लिए विंड इंजीनियरिंग और सीस्मिक टेस्ट की बिल्कुल नई अवधारणाओं का इस्तेमाल किया गया है।
कैच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस टॉवर की सबसे बड़ी खासियत इसका पिनैकल रूम होगा जो शहर का एक अद्भुत दृश्य मुहैया कराएगा। जबकि इसमें बने तमाम वीआइपी ऑब्जर्वेशन गार्डन डेक्स हर प्रमुख शख्सियतों को अनोखा नजारा दिखाएंगे। इस इमारत में गतिशील प्रकाश की व्यवस्था होगी जिसके जरिये दिन हो या रात यह हर वक्त एक अलग खूबसूरती बिखेरेगा।
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