इस शहर में कूड़ा बेचकर करते हैं लोग कमाई
कूड़े से प्राप्त आय को साफ सफाई में लगे कार्यकर्ताओं के बीच बांट दिया जाता है।

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haribhoomi.comCreated On: 4 Sep 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. देश में एक शहर ऐसा भी है जिसे भारत का सबसे साफ सुथरा शहर घोषित किया गया है। ये शहर है मैसूर। इस हकीकत से तो हर कोई वाकिफ है कि कोई भी काम तभी सफल हो सकता है जब उसमें सभी का योगदान हो।
इस मामले में मैसूर के लोग वाकई तारीफ के काबिल हैं। मैसूर के शहर कुंबर कोप्पल में अपने शहर को साफ रखने के साथ-साथ कूड़े से कमाई भी कर रहे हैं। कुंबर कोप्पल के नागरिक कार्यकर्ता जीरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की देख-रेख करते हैं। यहां तक कि मैसूर के इस छोटे से कस्बे में कूड़े-कचरे से होने वाली आय ही उनकी कमाई का मुख्य साधन है।
कुंबर कोप्पल में प्रतिदिन 200 घरों से कूड़ा-कचरा इकट्ठा कर गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा किया जाता है। इस कचरे का 95 प्रतिशत हिस्सा बेच दिया जाता है। फिर इसे वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में भेज दिया जाता है जहां प्रतिदिन पांच टन कचरे से खाद तैयार की जाती है। इसी प्रकार इकट्ठे किए गए गीले कचरे से कंपोस्ट में बदल दिया जाता है, जिसे किसानों को उर्वरक के रूप में बेचा जाता है।
वहीं सूखा कचरा प्लास्टिक और मैटल के सामान को इकट्ठा कर बेच दिया जाता है। इससे प्राप्त आय को साफ सफाई में लगे कार्यकर्ताओं के बीच बांट दिया जाता है।
आय के अलावा इन कार्यकर्ताओं को इस कार्य के बदले आवास और स्वास्थ्य सुविधाएं भी प्रदान की जाती है। इसके साथ ही इस कमाई के एक हिस्से को जीरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की मैंटेनेंस के लिये खर्च किया जाता है। मैसूर को सुंदर और साफ सुथरा बनाने में यहां कि स्त्री शक्ति का महत्वपूर्ण योगदान है।
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