जूते में शराब पीकर जीत का जश्न मनाता है यह मशहूर खिलाड़ी
इस खिलाड़ी ने अपने साथी खिलाड़ी के साथ जूते में शैंपेन पी ली।
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haribhoomi.comCreated On: 31 Aug 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. रविवार को हुई बेल्जियम ग्रांप्री. फॉर्मूला-1 रेस में जर्मीन के रेसर निको रोसबर्ग ने जीत ली है। मगर इस रेस में दूसरे पायदान पर रहे ऑस्ट्रेलिया के डेनियल रिकियार्डो उनसे ज्यादा चर्चा में रहे। डेनियल के चर्चा में रहने का कारण उनके जीत का जश्न मनाने का अलग अंदाज है।
दरअसल वह जब भी जीत का जश्न मनाते हैं तो जूते में शैंपेन पीते हैं। इससे पहले भी वह ऐसा कर चुके हैं और उन्होंने इस बार भी ऐसा ही किया। उनके इस अंदाज की पीछे कारण है कि वह ऑस्ट्रेलिया से हैं। दरअसल यह ऑस्ट्रेलिया की एक प्रथा है, जिसे Shoey नाम दिया गया है। इस प्रथा में जूते में शराब कर के पी जाती है।
आमतौर पर यह बियर होनी चाहिए, मगर जीत के मौके पर शैंपेन भी चल जाती है। हॉकेनहीमरिंग सर्किट में हुई एफ-1 की इस वर्ष की 13वीं रेस में दूसरे स्थान पर आने वाले रिकियार्डो ने भी इसी तरह जश्न मनाया। डेनियल रिकियार्डो ने पहले अपने ऑस्ट्रेलिया के साथी और पोर्श ड्राइवर मार्क वेबर को जूते में शैंपेन ऑफर की। वेबर ने स्टेज पर ही बेझिझक होकर जूते से शैंपेन पी ली, जिसके बाद रिकियार्डो ने भी अपने पूमा जूते में शैंपेन को पिया।
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, रेस 1.5 घंटे की होती है और इससे पहले अगर वॉर्मअप और पूर्व तैयारी का समय जोड़ा जाए तो रिकियार्डो ने करीब 3 घंटे तक यह जूता पहने रखा होगा। वहीं रेस के समय बाहर का तापमान करीब 25 डिग्री सेल्सियस था और F1 कॉकपिट में तो बाहर से थोड़ा ज्यादा ही होता है। इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि जूते में कितना पसीना रहा होगा।
दरअसल वह जब भी जीत का जश्न मनाते हैं तो जूते में शैंपेन पीते हैं। इससे पहले भी वह ऐसा कर चुके हैं और उन्होंने इस बार भी ऐसा ही किया। उनके इस अंदाज की पीछे कारण है कि वह ऑस्ट्रेलिया से हैं। दरअसल यह ऑस्ट्रेलिया की एक प्रथा है, जिसे Shoey नाम दिया गया है। इस प्रथा में जूते में शराब कर के पी जाती है।
आमतौर पर यह बियर होनी चाहिए, मगर जीत के मौके पर शैंपेन भी चल जाती है। हॉकेनहीमरिंग सर्किट में हुई एफ-1 की इस वर्ष की 13वीं रेस में दूसरे स्थान पर आने वाले रिकियार्डो ने भी इसी तरह जश्न मनाया। डेनियल रिकियार्डो ने पहले अपने ऑस्ट्रेलिया के साथी और पोर्श ड्राइवर मार्क वेबर को जूते में शैंपेन ऑफर की। वेबर ने स्टेज पर ही बेझिझक होकर जूते से शैंपेन पी ली, जिसके बाद रिकियार्डो ने भी अपने पूमा जूते में शैंपेन को पिया।
जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, रेस 1.5 घंटे की होती है और इससे पहले अगर वॉर्मअप और पूर्व तैयारी का समय जोड़ा जाए तो रिकियार्डो ने करीब 3 घंटे तक यह जूता पहने रखा होगा। वहीं रेस के समय बाहर का तापमान करीब 25 डिग्री सेल्सियस था और F1 कॉकपिट में तो बाहर से थोड़ा ज्यादा ही होता है। इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि जूते में कितना पसीना रहा होगा।
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