मंदिर में करनी है शादी तो आधार कार्ड है जरूरी
इस मंदिर में शादी करने से विवाहित जोड़े पर गोलू देवता का आशीर्वाद रहता है।

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haribhoomi.comCreated On: 10 Oct 2016 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्थित प्रसिद्ध गोलू देवता मंदिर में शादी करने लिए आधार कार्ड जरूरी होगा। मंदिर के पुजारियों ने नाबालिग शादियों को रोकने के मकसद से यह कदम उठाया है। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, अब मंदिर प्रशासन यहां होने वाली शादियों से पहले व्यक्ति की पहचान के लिए आधार कार्ड की मांग करेगा। आधार कार्ड के अलावा पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेजों को पर्याप्त नहीं माना जाएगा।
इस मंदिर में प्रतिवर्ष करीब 400 शादियां होती हैं, यानी शादियों के सीजन में रोजाना करीब 6 शादियां यहां होती हैं। मंदिर के पुजारी और कोषाध्यक्ष हरी विनोद पंत ने बताया, 'हर साल यहां बड़ी संख्या में शादियां संपन्न कराते हैं, तो ऐसे में विवाहित जोड़े का नाम और पता को जांचना मुश्किल हो जाता है। कई प्रेमी जोड़े दूसरे राज्यों से भी यहां शादी के लिए आते हैं, इस स्थिति में यह मालूम करना कि प्रेमी जोड़ा शादी के लिए बालिग है या नहीं, मुश्किल है।'
एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, कई बार यहां ऐसे भी केस आए हैं, कुछ नाबालिग जोड़े यहां शादी के लिए आए और बाद में वे इस शादी से भाग गए। नेपाली नाबालिग लड़कियां भी शादी के लिए यहां आती हैं। नाबालिग शादियों को रोकने के मकसद से मंदिर प्रशासन ने यह कदम उठाया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में शादी करने से विवाहित जोड़े पर गोलू देवता का आशीर्वाद रहता है। गोलू देवता को कुमाऊं क्षेत्र में न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है।
इस मंदिर में प्रतिवर्ष करीब 400 शादियां होती हैं, यानी शादियों के सीजन में रोजाना करीब 6 शादियां यहां होती हैं। मंदिर के पुजारी और कोषाध्यक्ष हरी विनोद पंत ने बताया, 'हर साल यहां बड़ी संख्या में शादियां संपन्न कराते हैं, तो ऐसे में विवाहित जोड़े का नाम और पता को जांचना मुश्किल हो जाता है। कई प्रेमी जोड़े दूसरे राज्यों से भी यहां शादी के लिए आते हैं, इस स्थिति में यह मालूम करना कि प्रेमी जोड़ा शादी के लिए बालिग है या नहीं, मुश्किल है।'
एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, कई बार यहां ऐसे भी केस आए हैं, कुछ नाबालिग जोड़े यहां शादी के लिए आए और बाद में वे इस शादी से भाग गए। नेपाली नाबालिग लड़कियां भी शादी के लिए यहां आती हैं। नाबालिग शादियों को रोकने के मकसद से मंदिर प्रशासन ने यह कदम उठाया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में शादी करने से विवाहित जोड़े पर गोलू देवता का आशीर्वाद रहता है। गोलू देवता को कुमाऊं क्षेत्र में न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है।
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