त्रिया चरित्र: नाबालिग ने मजबूरी में किया ऐसा काम
दोस्त की अय्याश मां ने कलई खुल जाने पर नाबालिग को फंसाने की दी थी धमकी।

दोस्त की मां के त्रिया चरित्र ने एक नाबालिग को कातिल बनने पर मजबूर कर दिया। दरअसल इस नाबालिग ने दोस्त की मां को एक गैर इंसान के साथ अय्याशी करते देख लिया था।
बेटे के दोस्त के सामने कारगुजारी उजागर हो जाने पर महिला ने नाबालिग को झूठे लांछन लगाकर फंसाने की धमकी दे दी थी। यह बात नाबालिग को नागवार गुजरी और उसने दोस्त की अय्याश मां को मौत के घाट उतार दिया।
नेवई पुलिस के मुताबिक यह घटना 13 अप्रैल 2017 की सुबह नेवई थाना क्षेत्र के शीतला तालाब के पास की है। जहां कृष्णा चौक नेवई निवासी गंगा देवी यादव की लाश संदिग्ध अवस्था में पड़ी मिली थी।
महिला के शरीर के आधे हिस्से में ही कपड़ा लपेटा गया था और उपर का हिस्सा खाली पड़ा थी। घटना की खबर लगते ही नेवई क्षेत्र में हडकंप मच गया।
इधर अफवाह फैल गया कि महिला के साथ सामुहिक अनाचार कर उसकी हत्या कर दी गई। खबर लगते ही दुर्ग रेंज आईजी दीपांशु काबरा, पुलिस अधीक्षक अमरेश कुमार मिश्रा, एएसपी शहर राजेश अग्रवाल, डीएसपी क्राईम डीआर पोर्ते एवं फोरेंसिक एक्सपर्ट अनुपमा मेश्राम भी पहुंच गई।
पुलिस घंटो भर महिला के लाश का शिनाख्त करती रही। वहीं कुछ देर बाद नेवई थाना के कुछ कदम की दुरी पर एक यादव परिवार रहता है। उनके यहां से एक महिला रात से गायब होने की जानकारी पुलिस को मिली।
पुलिस परिजनों को बुलाकर लाश का शिनाख्त कराया गया। तब जाकर महिला की पहचान हो पाई। मामले में पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज कर शव को पीएम के लिए भेज दिया गया।
कुछ दिन बाद पुलिस के पास रिपोर्ट आने पर यह स्पष्ट हो गया कि महिला के साथ अनाचार नहीं हुआ है। रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली और आरोपयिों की तलाश में लगी रही।
घटना में पुलिस ने शीतला तालाब किनारे बैठे नशेड़ी किस्म के युवको द्वारा घटना को अंजाम देने की बात सामने आई थी। इसमें पुलिस ने कुछ नशेड़ियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करना शुरु कर दिया था।
मगर पुलिस को सफलता नहीं मिल पाई इसी तरह तीन दिन बीत गए। पुलिस के हाथ खाली के खाली रही। इधर बस्ती के लोग इस अंधे कत्ल से पर्दा उठाने की मांग पुलिस से लगातार कर रहे थे।
मगर आरोपी ने किसी भी प्रकार का सुराग नहीं छोड़ने से पुलिस को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इस दौरान नेवई थाने में टीआई के रुप में होनहार आईपीएस सिद्धार्थ तिवारी प्रशिक्षु के रुप में अपना कमान संभाले हुए थे।
पुलिस को समझ नहीं आ रहा था कि महिला का कातिल आखिर कौन हो सकता है? पुलिस परिजनों की पृष्ठभूमि को भी खंगालना शुरु किया तब यह बात सामने आई कि मृतका गंगा का उनके परिवार वालों से भी कई बार विवाद हो चुका था।
पुलिस यह छोटा क्लू मिलने पर उसमें ही आरोपी की तलाश में लगी रही अंतिम समय से पुलिस को परिवार वालो से भी कोई खास सुराग हाथ नहीं लग पाया।
घटनास्थल से पुलिस को ईंट से सिर कुचलने की पुष्टि होने के बाद भी आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस के लिए खुला चैलेंज बनकर रह गया था। महिला के हत्यारे को पकड़ने के लिए क्राईम ब्रांच की टीम भी शीतला तालाब और मृतका के घर हर आने-जाने वालो की एक-एक जानकारी जुटाई जा रही थी।
पुलिस गंगा देवी यादव के 18 वर्षीय बेटा व 15 वर्षीय बेटी से पूछताछ करने का मन बना रही थी। लेकिन मां के चले जाने के बाद दोनों बच्चे बदहवास हो गए थे। पुलिस को बस्ती के लोगो ने बताया कि गंगा को तालाब की ओर जाते समय देखा गया था उसके पीछे -पीछे एक युवक भी जा रहा था।
आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस ने इसमें भी काम करना शुरु कर दिया कि आखिर वो युवक कौन था। इसके चलते पुलिस ने नेवई क्षेत्र के गुण्डे, बदमाश, किस्म के दो दर्जन से भी अधिक युवकों को पकड़कर पूछताछ किया मगर पुलिस को सुराग के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं हुआ।
पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए हर प्रयास कर थक चुकी थी। घटना के ठीक 10 दिन बाद पुलिस के मुखबिर ने एक चौका देने वाली जानकारी दिया। जिसे सुनकर पुलिस भी हैरान हो गई।
पुलिस मुखबिर के बताये मुताबिक आरोपी युवक को ट्रेस करने लगी। आरोपी नाबालिग को पुलिस ने थाने में बुलाया। वो नाबालिग आरोपी कोई नहीं उसके बेटे का खास दोस्त निकला।
इस दस दिनों में पुलिस चैन की नींद नहीं सो पाई थी महिला के हत्यारे को गिरफ्तार होने के बाद भी पुलिस की टीम ने राहत की सांस लेकर आरोपी से पूछताछ करना शुरु कर दिया।
इस हत्याकांड से पर्दा उठाने वालों में नेवई थाने के राजेश पाण्डेय, सुंदर लाल गोरले समेत क्राईम ब्रांच के राजेश सिंह, मुरलीधर कश्यप, वीर नारायण, शमीम खान, अनूप शर्मा भावेश की भूमिका सराहनीय रही।
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