इस मदरसे में है गौशाला, मुस्लिम करते हैं गाय की सेवा
देश के कोने-कोने से अभी तक आपने मुस्लिमों के द्वारा गौहत्या की ही खबरें सुनी होंगी लेकिन भोपाल के मदरसे में मुस्लिम गाय की सेवा करते हैं, शायद आपको विश्वास न हो, लेकिन ये बिलकुल सच है। देश में चल रहे गौहत्या के माहौल में इस सुखद खबर ने सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

शास्त्रों के अनुसार गाय को गौमाता का दर्जा दिया गया है। चूंकि गाय में कई देवी-देवताओं का वास होता है साथ ही गाय के दूध में कई बिमारियों से लड़ने के औषधीय गुण भी होते हैं। इसलिए हिन्दुओं के लिए गाय पूजनीय है। जिसकी वजह से हिंदू समाज मुस्लिमों द्वारा गौहत्या को रोकने के लिए विरोध करता रहा है। मुस्लिमों को हमेशा से गौहत्या का दोषी माना गया है। शायद इसलिए आपको यकीन न हो कि एक मदरसे में गौशाला है जहां मुस्लिम समाज के लोग गायों की सेवा कई सालों से करते आ रहे हैं।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक गांव तूमड़ा में इस्लामिक शिक्षा देने के लिए चल रहे मदरसे में एक गौशाला है। इस गौशाला में रह रही गायों का पालन-पोषण और सेवा यहां के संचालक करते है। इसके साथ ही यहां पढ़ने आने वाले बच्चें भी गायों की सेवा करते हैं उनका पूरा धयान रखते हैं।
इस मदरसे को मुफ्ती अब्दुल रज्जाक ने बनवाया था। इस मदरसे का नाम "जामिया इस्लामिया अरबिया" है। साल 1980 में इस मदरसे में एक गाय के साथ गौशाला की शुरुआत मदरसे के मालिक मुफ्ती साहब द्वारा की गई थी।
मदरसे के संचालक बताते है कि ये एक मस्जिद है। जिसमे मदरसा भी बनाया गया है जहां बच्चों को इस्लामिक शिक्षा दी जाती है। इसके साथ मश्जिद के परीसर में एक गौशाला भी है। संचालक के अनुसार ये पूरा परिसर करीब 60 एकड़ की जमीन पर बना हुआ है।
इस गौशल की शुरुआत सिर्फ एक गाय से की गई थी लेकिन आज यहां जर्सी और देसी नस्ल की करीब 20 गाय और भैंसे हैं। गौशाला की देख-रेख के लिए 2 कर्मचारी दिन रात तैनात रहते हैं।
इस मदरसे में स्थित गौशाला इसे खास तो बनाती ही है। साथ ही इस मदरसे में आस-पास के गांव से पढ़ने आने वाले करीब 200 बच्चों को 13 शिक्षक गौसेवा और इस्लामिक शिक्षा के साथ कंप्यूटर, हिंदी और इंग्लिश भी सिखाया जाता है। साथ ही गायों का दूध बच्चों को अच्छी सेहत के लिए रोजाना पिलाया जाता है।
गौ-सेवक मोहम्मद एजाज बताते है भोपाल में ऐसे दो मदरसे हैं एक "जामिया इस्लामिया अरबिया" और दूसरा मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया है। जहां लगभग 700 बच्चें तालीम हासिल करने आते हैं। मदरसे के संचालक कहते हैं कि ये गोशाला इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक बन गई है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App