यहां इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाया जाता है खून
यहां के निवासी मानते हैं कि उनका यह गांव भगवान इंद्र की कृपा से बसा है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 15 Jun 2017 6:12 PM GMT
इंडोनेशिया के हिंदू समुदाय वाले बाली द्वीप में जून के माह में इंद्रदेव को मनाने के लिए पुरुष और बच्चे एक-दूसरे पर कंटीले केवड़े से एक दूसरे पर वार करने का खेल खेलते हैं। नंगे बदन खेले जाने वाले इस खेल में कई लोग घायल होते हैं।
उन्हें पीठ, पेट, हाथों और चेहरे पर चोट लगती है, लेकिन इसके बावजूद इसे पूरी शिद्दत के साथ खेला जाता है। यहां के निवासी मानते हैं कि उनका यह गांव भगवान इंद्र की कृपा से बसा है।
इस खेल से बहने वाले खून के जरिये वे भगवान को अपनी ओर से भेंट चढ़ाते हैं। इस आयोजन को यहां उसाबा सांभा भी कहा जाता है।
जून के दूसरे हफ्ते में पागरिंगसिंगान गांव में होने वाला रोमांचक माहौल एक माह तक चलता है।
यह पूरा खेल पांच मीटर के दायरे में ही होता है। एक लड़ाई एक मिनट से भी कम समय चलती है और रेफरी उसे नियंत्रित करते हैं।
एक बार लड़ाई पूरी हो जाती है तब लड़ने वाले एक-दूसरे की मदद करने के लिए बेताब दिखते हैं। केसर, हल्दी और सिरके के मिश्रण से बने लेप को एक-दूसरे के घावों पर लगाते हैं।
कहा जाता है कि इससे घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। इसी दौरान गांव की महिलाएं पारंपरिक कपड़े पहनकर पवित्र झरने से पानी लाती हैं और भगवान का पूजन करती हैं।
खेल में भाग लेने वाले बच्चों से लेकर युवाओं तक के हाथों में कंटीले केवड़े की पत्तियों का बंडल और बेंत की बुनी हुई ढाल होती है।
दोनों एक-दूसरे पर कंटीली पत्तियों से वार करते हैं और दोनों ही उन बचने की कोशिश करते हैं। इस खेल को देखने बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।
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