OMG: कैंसर से आंखें गंवाने के बाद भी बन गया इंटरनेशनल वीडियो गेमर
6 साल की उम्र में ही कैंसर की वजह से अपनी आंखों को रोशनी गंवा दी।

आपने अक्सर सुना होगा कि भगवान जब आपकी किस्मत का एक दरवाजा बंद करते है, तो दूसरे कई दरवाजे खोल देते हैं। ऐसा ही हुआ है स्वेन वान डी वेगे के साथ।
वीडियो गेम खेलने का शौक रखने वाले स्वेन वान डी वेगे ने सिर्फ 6 साल की उम्र में ही कैंसर की वजह से अपनी आंखों की रोशनी गंवा दी थी। जिसके बाद उन्हें वीडियो गेम न खेल पाने का हमेशा मलाल होता था।
लेकिन स्वेन ने अपनी इस कमजोरी को एक चैलेंज के रूप में स्वीकारा और अपनी जिद को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत शुरू कर दी। अपने कड़े अनुशासन और मेहनत के बल पर ध्वनि के माध्यम से स्वेन ने फिर से एक बार वीडियो गेम खेलना शुरू कर दिया।
स्वेन वान ने अकेले ही वीडियो गेम की ध्वनियों का उपयोग करते हुए 'स्ट्रीट फाइटर' नामक गेम खेला। जिसके बाद स्वेन वान डी वेगे ने अपने और अधिक कड़े अभ्यास के दम पर वो मुकाम हासिल कर लिया जो सभी के लिए एक सपना होता है।
आज वो 'ब्लाइंड वॉरियर स्वेन' नामक एक बेस्ट गेमर बन गए हैं, जो अपने पसंदीदा गेम 'स्ट्रीट फाइटर' में दुनिया के कुछ बेहतरीन खिलाड़ियों को भी मात देते हैं।
स्वेन अपने विरोधियों को परेशान करने के लिए अपने रेजर तेज गेमिंग प्रवृत्तियों का उपयोग करते है। यह पेशेवर गेमिंग की ओर स्वेन के एक बेहतरीन सफर की शुरुआत थी।
2017 में मैड्रिड में सोनिक बूम टूर्नामेंट में स्वेन ने विश्व स्तरीय गेमर मुसाशी के खिलाफ 'स्ट्रीट फाइटर वी' खेला। इसके बाद ब्लाइंड योद्धा स्वेन ने अपने पसंदीदा चरित्र 'केन' का इस्तेमाल किया, ताकि वह अपने प्रतिद्वंद्वी को सर्वश्रेष्ठ तीन मैच में से पहले दो में हार सके।
यह भी पढ़े : हैरतअंगेज! जन्म से हाथ नहीं होने के बाद भी ये शख्स करता है स्टाइलिश हेयर कटिंग, देखें वीडियो
स्वेन ने अपना तजुर्बा याद करते हुए बताया कि मुझे याद है कि जब मैं अपना पहला मैच जीता तो मैं बहुत खुश था। स्वेन ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं था कि मैंने ऐसा किया था। मुझे पता है कि यह सिर्फ एक मैच था लेकिन ऐसा लगा कि मैंने चैंम्पियनशिप जीती हो।
यह भी पढ़े : हैरतअंगेज! जंगल का राजा बना एक भैंसे का शिकार, देखें वीडियो
स्वेन की पहली जीत के बारे में आश्चर्यजनक बात यह है कि वह एक साल के लिए ही 'स्ट्रीट फाइटर वी' खेल रहे थे जब उन्होंने मैच जीता था। तब से, ब्लाइंड योद्धा स्वेन गेमिंग की दुनिया में एक अंतररार्ष्ट्रीय ऑइकन बन गए थे।
लेकिन स्वेन वान डी वेगे के साथ ऐसा क्या हुआ कि अपनी कमजोरियों को खूबियों में बदलकर वो एक पेशेवर वीडियो गेमर बन गए, ये जानना बेहद दिलचस्प है।
स्वेन वान डी वेगे के बारे में बात करते हुए, आधुनिक विज्ञान के जानकारों ने बताया, हमारे मस्तिष्क के एक ही हिस्से के जरिए हम सुन और देख पाते हैं। जिसका मतलब है कि जितनी ज्यादा हमें दृश्य उत्तेजना मिलती है उतनी ही हम कम आवाज को भी सुन रहे होते हैं।
ब्लाइंड वॉरियर स्वेन वीडियो गेम खेलते वक्त अपने विरोधियों की इसी कमजोरियों का फायदा उठाते हुए, अपने सुनने की क्षमता का उपयोग करते हैं। इस तरह हमारा मस्तिष्क अपने कई ओर संकायों की मदद से दृश्य विकंलागता की कमी को पूरी करता है।
यही नही, इस मामले में हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में नेत्र विज्ञान के वैज्ञानिकों और प्रशिक्षक कोरिन्ना एम बाउर ने इस चमत्कारी घटना के बारे में एक रिपोर्ट में कहा कि हमारे नतीजे बताते हैं कि शुरुआती ओकुलर अंधापन के परिणामस्वरूप संरचनात्मक और कार्यात्मक न्यूरोप्लास्टिक मस्तिष्क में परिवर्तन प्रारंभिक रूप से विचार से अधिक व्यापक हो सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमने न केवल ओसीपिटल कॉर्टेक्स (जहां दृष्टि संसाधित की जाती है) में महत्वपूर्ण परिवर्तनों को देखा, बल्कि स्मृति, भाषा और संवेदी मोटर कार्यों में भी शामिल क्षेत्रों को शामिल किया गया।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App