देश की इकॉनमी को सुधारने के लिए बच्ची ने भेजी अपनी सेविंग
जब आप पांचवी कक्षा में रहे होगें तब शायद ही आप देश की इकॉनमी की हालत से मतलब रखते होगें।

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haribhoomi.comCreated On: 1 May 2014 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. जब आप पांचवी कक्षा में रहे होगें तब शायद ही आप देश की इकॉनमी की हालत से मतलब रखते होगें, और बाजार में रुपए का मूल्य भी शायद ही आपको मालूम हो, लेकिन इसी क्लास में पढ़ने वाली एक बच्ची ने न सिर्फ इन मुद्दों के बारे में सोचा बल्कि इस पर आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन को एक चिट्ठी भी लिखी। हालांकि इस चिट्ठी में बच्ची ने देश की हालत पर शिकायत करने के बजाय उसे सुधारने में मदद ऑफर की। इस हेल्प के लिए उसने अपनी सेविंग भी आरबीआई को भेज दी।
संस्कृति स्कूल में पढ़ने वाली लैला इंदिरा अल्वा ने यह चिट्ठी सितंबर में लिखी थी जब सरकार और आरबीआई रुपये की खराब हालत और बढ़ते राजकोषीय घाटे को लेकर परेशान थे। यह चिट्ठी स्कूल की मैगजीन में छपी है। गुड़गांव की रहने वाली लैला ने चिट्ठी में लिखा, 'हमारी इकॉनमी जिस संकट का सामना कर रही है, मैंने उसके बारे में सुना है। मैंने डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट की बात भी सुनी है।' उन्होंने 5 सितंबर को लिखी गई इस चिट्ठी में आगे लिखा, 'मैंने अपने पैरंट्स के साथ पिछली ट्रिप पर 20 रुपये बचाए थे। मुझे लगता है मेरे देश को इसकी ज्यादा जरूरत है।'
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, रघुराम राजन ने जबावी चिट्ठी में क्या लिखा -
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