उत्तराखंड: दूसरे राज्यों को बिजली देने का दावा करने वाला राज्य बिजली की कटौती से हो गया परेशान
आंकड़ों की बाजीगरी में माहिर उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कल्पना की थी कि प्रदेश की एक हजार छोटी-बड़ी नदियों से राज्य इतनी बिजली पैदा करेगा कि न सिर्फ अपनी जरूरते पूरी होगी बल्कि दूसरे राज्यों को बांटा भी जाएगा।

देश में बिजली उत्पादन के मामलें में अग्रणी राज्य उत्तराखंड के लोग भी बिजली कटौती को लेकर परेशान हो गया है। आंकड़ो की बाजीगरी में माहिर उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कल्पना की थी कि प्रदेश की एक हजार छोटी-बड़ी नदियों से राज्य इतनी बिजली पैदा करेगा कि न सिर्फ अपनी जरूरते पूरी होगी बल्कि दूसरे राज्यों को बांटा भी जाएगा।
राजधानी देहरादून के ज्यादातर इलाको में पिछले एक महीने से अघोषित कटौती हो रही है। फोन करके पता करने की कोशिश करने वालों को निराशा ही हाथ लगती है। क्योंकि वहां फोन उठाने वाले लोग ही नहीं हैं। प्रदेश में पड़ रही गर्मी और बिजली कटौती ने परेशान कर दिया है।
वहीं यूपीसीएल दावा करता है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 23.30 घंटे और शहरी इलाकों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ती की जा रही है लेकिन यह दावा दफ्तर से निकलते ही फुस्स हो जाता है। देहरादून में ही लोग रोज बिजली कटौती और वोल्टेज फ्लक्चुएशन झेल रहे हैं।
आरटीआई एक्टिविस्ट संजीव गुप्ता कहते हैं कि यूपीसीएल आंकड़ो की बाजीगरी में माहिर है वह 24 घंटे ही नहीं 26 घंटे बिजली देने का भी दावा कर सकता है। कुछ दिन पहले ही सौभाग्य योजना में एक लाख कनेक्शन फालतू देने का दावा किया गया, बाद में जब पोल खुली तो अधिकारियों ने नीचे के कर्मचारियों की गलती बताकर पल्ला झाड़ लिया।
उत्तराखंड में बिजली संबंधी किसी भी शिकायत के लिए देश भर में लागू टोल फ़्री नंबर 1912 और 18004190405 हैं, जहां फ़ोन कर उपभोक्ता 24 घंटे शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। ज्यादातर मौके पर फोन मिलते नहीं या फिर उधर से उठाया नहीं जाता।
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