शराब फैक्ट्रियों से रोजगार सृजन का तिलिस्म हुआ भस्म, जानें पूरे आंकड़े
शराब फैक्ट्री लगाने का जब तक विरोध चलता रहा तब तक सरकार ने चुप्पी साध रखी थी। लेकिन जैसे ही इस मामले में लोगों की नरमी देखी तो स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया के सामने आकर कहा कि फैक्ट्री लगना प्रदेश के लिए बेहतर कदम है। इससे रोजगार के काफी अवसर पैदा होंगे जो उत्तराखंड के लोगों के हित में होगा।

उत्तराखंड के देवप्रयाग में शराब की फैक्ट्री को लेकर बीते दिनों जमकर बवाल मचा। जनता सड़क पर उतर आई और देवप्रयाग की पवित्र भूमि की दुहाई देने लगी। विपक्षी पार्टियां और नेताओं ने भी सरकार को कटघरे में खड़ा करके सवाल जवाब करना शुरु कर दिया। एकबार तो लगा कि प्रदेश में खुल रही शराब की फैक्ट्रियां शुरु करवाने के निर्णय को सरकार को वापस लेनी पड़ेगी पर आंदोलन में अब वह बात नहीं रही।
शराब फैक्ट्री लगाने का जब तक विरोध चलता रहा तब तक सरकार ने चुप्पी साध रखी थी। लेकिन जैसे ही इस मामले में लोगों की नरमी देखी तो स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया के सामने आकर कहा कि फैक्ट्री लगना प्रदेश के लिए बेहतर कदम है। इससे रोजगार के काफी अवसर पैदा होंगे जो उत्तराखंड के लोगों के हित में होगा।
सीएम रावत की इस बात पर ये जानने की कोशिश की गई कि प्रदेश में लगने वाली तीन शराब फैक्ट्रियों से कितने रोजगार निकल रहे हैं। तो जो आंकड़ा निकलकर सामने आया वो बेहद चौकाने वाला था। तीनों कंपनियों को जोड़कर कुल 328 लोगों को नौकरी मिलेगी। देवप्रयाग में लगने वाली विश्वेश्वरी एग्जिम प्राइवेट लिमिटेड 100 लोगों को, टिहरी में लग रही हाईलैंड बॉटलर्स और ब्लेण्डर्स 130 लोगों को नौकरी देगा।
पौड़ी के एकेश्वर ब्लॉग के भण्डाली में लग रही तीसरी फैक्ट्री समर्थ एण्टरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड 90 लोगों को रोजगार देगी। कुल मिलाकर 328 रोजगार को सरकार के हर मंत्री बहुत ज्यादा बता रहे थे। एक बात और गौर करने वाली है कि क्या कंपनी ने वादा किया है कि वह सिर्फ उत्तराखंड के ही लोगों को नौकरी देगी, अगर ऐसा नहीं है तब तो कंपनी लगने और उसमें निकलने वाले रोजगार का कोई फायदा ही नहीं।
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