लोकसभा चुनाव 2019: माया की 'मोहमाया' त्यागकर कांग्रेस का प्रचार कर रहे 'रावण'
सहारनपुर में दलित और राजपूतों के बीच हुई हिंसा से नेता बनकर निकले भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर उर्फ रावण को लोकसभा चुनाव में किसी पार्टी ने अपने साथ नहीं जोड़ा। शुरुआत में बसपा के साथ जाने की संभावनाएं ज्यादा थी पर मायावती ने चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट बताकर दरकिनार कर दिया।

सहारनपुर में दलित और राजपूतों के बीच हुई हिंसा से नेता बनकर निकले भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर उर्फ रावण को लोकसभा चुनाव में किसी पार्टी ने अपने साथ नहीं जोड़ा। शुरुआत में बसपा के साथ जाने की संभावनाएं ज्यादा थी पर मायावती ने चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट बताकर दरकिनार कर दिया।
दलित युवाओं में खास पैठ रखने वाले चंद्रशेखर से मेरठ में प्रियंका गांधी ने मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद चंद्रशेखर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकले लगाई जाने लगी। इसका एक उदाहरण मेरठ के चुनाव में भी दिखा।
मायावती को बुआ कहकर संबोधित करने वाले चंद्रशेखर मायावती को हमेशा से दलितों का नेता कहते आए हैं। पर उनकी इन बातों पर बसपा प्रमुख ने कभी प्रतिक्रिया नहीं दी।
लगातार नजरअंदाज किए जाने के कारण वह इस चुनाव में कांग्रेस के लिए वोट मांगते नजर आ रहे हैं। पहले चरण में खत्म हुए मतदान में वह सहारनपुर से कांग्रेस प्रत्याशी इमरान मसूद के लिए दलितों से कांग्रेस के समर्थन में वोट करने की अपील कर रहे थे।
उनकी इस अपील से दलित वोट किसके पक्ष ये जाएगा इसपर कुछ कह पाना सम्भव नहीं है। बताते चले कि 2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर में जातीय संघर्ष हुआ था। इस घटना में दोनों ही पक्षों ने जमकर हिंसा फैलाई।
प्रदेश की योगी सरकार ने चंद्रशेखर को गिरफ्तार करके रासुका लगा दिया। साल भर जेल में रहने के बाद जब जमानत हुई और फिर उसके बाद वह राजनीति में सक्रिय हुए। महाराष्ट्र में वह कांग्रेस, एनसीपी के साथ प्रकाश अंम्बेडकर की पार्टी को समर्थन कर रहे हैं।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App