प्रयागराजः इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेता सुमित शुक्ला की गोली मारकर हत्या
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव खत्म होते ही गैंगवार का सिलसिला शुरू हो गया है। आधी रात पचीस हजार के इनामी छात्रनेता अच्युतानंद शुक्ल ऊर्फ सुमित शुक्ला की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 1 Nov 2018 10:04 AM GMT
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव खत्म होते ही गैंगवार का सिलसिला शुरू हो गया है। आधी रात पचीस हजार के इनामी छात्रनेता अच्युतानंद शुक्ल ऊर्फ सुमित शुक्ला की बुधवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई।
बताया जा रहा है कि हत्या प्रयागराज के एक डिग्री कॉलेज के अध्यक्ष ने की है। सुमित शुक्ल की हत्या के बाद से विश्वविद्यालय कैंपस के साथ ही पूरे प्रयागराज शहर में तनाव का माहौल है। बवाल की आशंका को देखते हुए पूरे शहर में फोर्स तैनात है।
बुधवार रात इविवि के पीसी बनर्जी हॉस्टल में एक छात्रनेता की बर्थडे पार्टी चल रही थी। इस दौरान सुमित शुक्ल भी वहां मौजूद थे। बताया जा रहा है कि पार्टी के खत्म होने के वक्त हत्यारोपी वहां पहुंचा और कुछ देर सुमित शुक्ला से बातचीत करता रहा।
चलने से पहले उसने सुमित के लिए एक गिलास में शराब डालकर भी दी। पैर छूकर वह सुमित शुक्ला के पीछे से निकल रहा था कि तभी उसने गर्दन से बंदूक सटाकर गोली मार दी।
वहां मौजूद सुमित शुक्ला के समर्थकों ने भी दूसरे पक्ष पर फायरिंग की लेकिन आरोपी वहां से भाग निकला। आनन फानन में सुमित को स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल पहुंचाया गया। रात 2 बजे जहां उनकी मौत हो गई। सुमित पर कई गंभीर मुकदमें भी दर्ज थे। हाल में पुलिस ने 25000 का ईनाम भी घोषित किया था।
एक बड़े छात्र नेता और 25000 के ईनामी की मौत की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। खबर सुनते ही इविवि के हॉस्टलों से समर्थकों का हुजूम एसआरएन अस्पताल पहुंचने लगा।
वहीं इस हत्याकांड की खबर सुनते ही पुलिस भी सतर्क हो गई। पुलिस ने हॉस्टल और विश्वविद्यालय के करीब कई थानों की फोर्स तैनात कर दी। बताया जा रहा है कि जिस छात्रनेता ने सुमित की हत्या की है छात्रसंघ चुनाव में सुमित ने उसका समर्थन किया था।
वह सुमित के समर्थन से ही यह अध्यक्ष बना था। हत्या किस वजह से हुई इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है। कई लोगों ने बताया कि हत्यारोपी है तो डिग्रीकॉलेज का लेकिन वह अवैध रूप से इविवि के डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन हॉस्टल में रहता था।
सुमित शुक्ला गोंडा के रहने वाले थे। उनके पिता शिक्षक हैं। सुमित के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास अपहरण जैसे कई मामले दर्ज हैं, कचहरी में पुलिस पर फायरिंग करने का मामला भी उन पर दर्ज था।
सुमित शुक्ला ने जेल से 2012 में इविवि छात्रसंघ से उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था। इसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी। लेकिन फिर भी छात्रसंघ पर उनका दबदबा कायम था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव 2018 के नामांकन के दिन फायरिंग हुई थी।
जिसके बाद पुलिस ने सुमित शुक्ला, अभिषेक सिंह माइकल, अभिषेक सिंह सोनू, आकाश सिंह और अजीत यादव पर ईनाम घोषित किया था। सुमित पर प्रशासन ने 25000 रूपये का ईनाम घोषित किया था।
सुमित का दबदबा और दबंगई इस तरह थी कि कई लोग उनकी तुलना माफिया डॉन श्री प्रकाश शुक्ला से करने से भी नहीं चूकते थे। सुमित की मौत के बाद ही सोशल मीडिया पर इविवि से जुड़े छात्रों ने श्रद्धांजलि दी। वहीं कुछ छात्रों ने पीठ पीछे वार करने को कायरता बताया।
इनामी सुमित शुक्ला के बारे में कई छात्रों ने बातचीत में बताया कि हॉस्टल दिलवाना, कोचिंग में फीस कम करवाना या बीमार होने पर अस्पताल में भर्ती करवाना आदि में सुमित मदद किया करते थे।
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