जातीय हिंसा के विरोध में हिंदुस्तान उत्थान पार्टी ने दी उग्र आंदोलन की धमकी, रखी ये 6 मांगें
उत्तर प्रदेश की हिंदुस्तान उत्थान पार्टी पार्टी ने देश में बढ़ती जातीय हिंसा, बालिका सुरक्षा आयोग और स्वर्ण आयोग का गठन नहीं होने पर उग्र आंदोलन आंदोलन की धमकी दी है।

उत्तर प्रदेश की हिंदुस्तान उत्थान पार्टी एक बार फिर उग्र आंदोलन के मुड में नजर आ रही है। पार्टी ने देश में बढ़ती जातीय हिंसा, बालिका सुरक्षा आयोग और स्वर्ण आयोग का गठन नहीं होने पर उग्र आंदोलन आंदोलन की धमकी दी है।
पार्टी ने एक कार्यक्रम के दौरान प्रेस रिलीज कर कहा कि हिंदुस्तान उत्थान पार्टी के सैकड़ो कार्यकर्ताओ द्वारा देश में लगातार बढ़ रही जातीय हिंसा एवं के गठन की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया है।
वहीं दूसरी तरफ हिंदुस्तान उत्थान पार्टी द्वारा सरकार के सामने 6 सूत्रीय मांग को लेकर एक पत्र उत्तर प्रदेश के सीएम के ऑफिस भेजा है। प्रेस रिलीज में पार्टी ने कहा कि आगामी 19 अगस्त को हिंदुस्तान उत्थान पार्टी एवं उसके सहयोगी किसान, महिला, जातिगत आरक्षण विरोधी, स्वर्ण संघठन मिलकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हजारों कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा के सामने आंदोलन करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगों को नहीं मानेगी तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा। पार्टी ने आगे कहा कि आप जल्द से जल्द एक कमेटी का गठन कर मुख्य मागों पर विचार विमर्श करें।
हिंदुस्तान उत्थान पार्टी के संस्थापक राष्ट्रीय अध्क्षय ज्ञानेश कुमार चौहान, राष्ट्रीय महासचिव ओमप्रकाश सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट संतोष प्रताप सिंह, राष्ट्रीय सचिव कमल चौहान, राष्ट्रीय महिला अध्क्षय अमृता राजपूत, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कृष्णा पांडेय, प्रदेश अध्क्षय युवा मोर्चा मुकुल चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेश शांडिल्य, प्रदेश युवा अध्क्षय दिल्ली अंकुर दिवान, सचिव हीरा नरूखा, प्रदेश महिला उपाध्यक्ष प्रशन्ना सिंह समेत कार्यकर्ता एक कार्यक्रम में मौजूद रहे।
ये हैं 6 मांगे
1- स्वर्ण आयोग का गठन कराने कि मांग। जिससे स्वर्ण भी बिना डरे अपने अधिकारों के हनन कि मांग को स्वर्ण आयोग में उठा सके।
2- जातिगत आरक्षण को तत्काल समाप्त कर आर्थिक आधार पर लागू हो आरक्षण।जिससे देश में अन्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगो को भी मिल सके। आरक्षण का लाभ और देश में फैली जातीय हिंसा पर काबू पाया जा सके।
3- बालिका सुरक्षा आयोग का गठन।महिला आयोग की तरह हो बालिका सुरक्षा आयोग का गठन जिससे बालिकाओ पर होने वाले अत्याचारों में कमी होगी और बालिकाओ के यौन शोषण में लिप्त पाए जाने पर पूरे देश में हो तत्काल फांसी की सजा का प्रावधान हो।
4- किसानों के किसी भी तरह के बकाया भुगतान को तत्काल किया जाये। जिससे किसान भी खुशहाल जीवन जी सके साथ ही साथ प्राकृतिक आपदा के समय किसानो के नुकसान का तत्काल आंकलन करके उन्हें उचित सहायता दी जाये। जिससे किसानो द्वारा आत्महत्या के मामलो में कमी आएगी और किसान का परिवार भी सम्मान से जीवन यापन कर सकेगा।
5 - मध्यप्रदेश की तरह उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में हो हाईकोर्ट बेंच का निर्माण। जिससे आम नागरिक न्याय पाने में सफल हो देखा गया है कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग से हाईकोर्ट की दूरी लगभग 750 किलोमीटर होने की वजह से आमजन को न्याय पाने में अश्मर्थ रहना पड़ता है।
6- पूरे देश में शिक्षा एवं चिकित्सा सरकारी खर्चे पर मुहैया कराये सरकार। जिससे शिक्षा एवं चिकित्सा के छेत्र में हो रही लूट बंद हो सके क्यूंकि शिक्षा एवं चिकित्सा हर भारतीय का मौलिक अधिकार है। प्राइवेट सेक्टर द्वारा मोटी रकम लेकर मुहैया कराई जा रही शिक्षा एवं चिकित्सा भारतीय के अधिकारों का हनन है।
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