गोरखपुर दंगा 2007: सीएम योगी को मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने रद्द की जांच की याचिका
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पर साल 2007 में हुए गोरखपुर सांप्रदायिक दंगे के मामले में मुकदमा चलाया जाने की याचिका को गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ पर साल 2007 में हुए गोरखपुर सांप्रदायिक दंगे के मामले में मुकदमा चलाया जाने की याचिका को गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
Allahabad High Court rejects petition seeking re investigation into Chief Minister Yogi Adityanath's alleged role in the 2007 riots in Gorakhpur pic.twitter.com/wS4vhLfpBc
— ANI UP (@ANINewsUP) February 22, 2018
सीएम आदित्यनाथ के अलावा इस मामले में कई और लोग भी अभियुक्त हैं। इस केस में योगी पर 2007 में 'नफरत फैलाने वाला भाषण देने' का आरोप लगाया गया था। गौरतलब है कि 11 साल पहले 27 जनवरी 2007 को गोरखपुर में सांप्रदायिक दंगा हुआ था। इस दंगे में 2 लोग की मौत और कई लोग घायल भी हुए थे।
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गोरखपुर दंगे के लिए तत्कालीन सांसद व वर्तमान सीएम योगी आदित्यनाथ, विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल और गोरखपुर की तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी पर दंगा भड़काने व भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था। जिसमें कहा गया कि इनके भड़काऊ भाषण के बाद ही गोरखपुर में दंगा भड़का था।
इस मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आदित्यनाथ सहित भाजपा के कई नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी। लेकिन पिछले साल इस मामले में राज्य सरकार ने आदित्यनाथ को अभियुक्त बनाने से मना करते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई भी सबूत नहीं हैं।
याचिकाकर्ता परवेज परवाज की याचिका पर जज कृष्ण मुरारी और एसी शर्मा की बेंच ने सुनवाई की और लंबी बहस के बाद 18 दिसम्बर 2017 को फैसला सुरक्षित रख लिया गया।
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