गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव परिणामः गिरा भाजपा का किला, सपा प्रत्याशी प्रवीण निषाद जीते
गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के परिणाम भाजपा और अन्य दलों के लिए काफी मायने रखता है। इस सीट को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख से जोड़ कर देखा जा रहा है।

गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव के परिणाम भाजपा और अन्य दलों के लिए काफी मायने रखता है। इस सीट को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख से जोड़ कर देखा जा रहा है।
गोरखपुर भाजपा और योगी आदित्यनाथ का गढ़ रहा है। ऐसे में यहां के चुनाव परिणाम काफी मायने रखते हैं। यहां 11 मार्च की वोटिंग हुई थी, जिसमें 47 प्रतिशत मतदान हुआ था।
Live Updates-
-19वें राउंड की गिनती पूरी होने तक सपा प्रत्याशी को मिले 2,62,346 वोट
-19वें राउंड की गिनती पूरी होने तक भाजपा प्रत्याशी को मिले 2,35,836 वोट
-11 हजार वोट से सपा उम्मीदवार आगे
-आठवें राउंड की गिनती पूरी
-NOTA पर 1092 वोट
-सपा प्रदेश अध्यक्ष ने लिखा मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र
-7000 वोट से सपा प्रत्याशी आगे
-वोटो की गिनती को लेकर हुआ हंगामा
-लखनऊ विधानसभा साढ़े 12 बजे स्थगित
-सपा प्रत्याशी 1533 वोट से आगे
-दूसरे राउंड के बाद सपा प्रत्याशी 24 वोट से आगे
-विपक्षी पार्टियों ने उठाए सवाल
-मतगणना केंद्र से मीडिया को बाहर निकाला
-मतगणना को उचित तरीके से लोगों तक नहीं पहुंचा रहे
-वोटों की गिनती को लेकर विवाद
-भाजपा की बढ़त कम
-4688 वोटों से भाजपा प्रत्याशी को बढ़त
-स्ट्रॉन्ग रूम से सपा ऑब्जर्वर को बाहर निकालने का आरोप
-सपा उम्मीदवार प्रवीण निषाद ने ईवीएम पर सवाल उठाए
-भाजपा के उपेंद्र शुक्ला को 3200 वोटों से बढ़त मिल रही है
-शुरुआती रूझान आने शुरू
गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव सीट पर भाजपा से उपेंद्र शुक्ला और समाजवादी पार्टी से प्रवीण निषाद प्रत्याशी हैं। कांग्रेस की ओर से इस सीट पर सुरहिता करीम मैदान में हैं। बहुजन समाज पार्टी ने भी खुलेतौर पर यहां प्रवीण निषाद का समर्थन करने का ऐलान किया हुआ है।
1970 से महंत की जीत
आजतक के मुताबिक गोरखपुर भाजपा का मजबूत दुर्ग माना जाता है। ये भाजपा की परंपरागत सीट है। महंत अवैद्यनाथ ने 1970 में निर्दलीय के रूप में जीत का जो सिलसला शुरू किया, वह आज तक जारी है। महंत अवैद्यनाथ गोरखपुर से चार बार सांसद रहे, 1970 में निर्दलीय तो 1989 में वो हिंदू महासभा से सदस्य बने।
गोरखपर में महंत अवैद्यनाथ की राजनीतिक विरासत को योगी आदित्यनाथ ने 1998 में संभाला तो फिर पलटकर नहीं देखा। पिछले पांच बार से लगातार योगी भाजपा के टिकट से संसद पहुंचते रहे हैं।
2004 से योगी की एकतरफा जीत
1991 और 1998 में भाजपा को समाजवादी पार्टी से कड़ी टक्कर मिली थी लेकिन 2004 के बाद से अभी तक भाजपा के योगी आदित्यनाथ एकतरफा जीत हासिल करते रहे हैं।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App