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उत्तर प्रदेश: यौन शोषण मामले पर मदरसों को लेकर यूपी सरकार का बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सआदतंज स्थित मदरसा खदीजतुल कुबरा लिलबनात में जब पुलिस पहुंची तो छात्राओं की दर्द फूट पड़ा।

उत्तर प्रदेश: यौन शोषण मामले पर मदरसों को लेकर यूपी सरकार का बड़ा फैसला
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब यूपी के सभी मदरसों की जांच कराने का फैसला लिया है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि लखनऊ के मदरसे की घटना के बाद सरकार ने यह फैसला लिया है।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थानीय लोगों की सूचना के बाद पुलिस ने सआदत गंज स्थित मदरसा जामिया खदीजातुल लीलनवात पर छापा मार कर 51 लड़कयों को मुक्त कराया।

इन लड़कियों का लंबे समय से यौन शोषण किया जा रहा था। लड़कियों की शिकायत पर मदरसा संचालक कारी तैयब जिया को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया है, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

पुलिस की इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हंडकंप मच गया। स्‍थानीय लोगों ने पहले तो मदरसे को घेर लिया और पुलिस कार्रवाई में बाधा पैदा करने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने जब अंदर से 51 लड़कियों को बाहर निकाला और लड़कियों ने यौन शोषण की जानकारी दी, तब जा कर लोग शांत हुए।

दूसरों के साथ संबंध बनाने पर करता था विवश
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सआदतंज स्थित मदरसा खदीजतुल कुबरा लिलबनात में जब पुलिस पहुंची तो छात्राओं की दर्द फूट पड़ा। छात्राओं ने बताया कि आरोपी संचालक कारी तैयब जिया कार्यालय में बुलाकर उनसे पैर दबवाता था। वह अक्सर छेड़खानी रेप करता था और विरोध करने पर डंडे से पीटता भी था। एक छात्रा ने आरोप लगाया कि वह लड़कियों को दूसरे लोगों केसाथ संबंध बनाने को भी विवश करता था।
जब उसका उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं हुआ तो लड़कियों ने एक पत्र में अपनी आपबीती लिख कर मोहल्लेवालों को बताई। इसके बाद पुलिस और प्रशासन की टीम ने छापा मारकर उन्हें मुक्त करवाया।
पुलिस ने जैसे ही आरोपी को दबोचा और लेकर कोतवाली की ओर जाने लगी, तो स्थानीय लोगों ने उसे घेर लिया। पुलिस ने बड़ी मुश्किल से वहां निकल सकी।
कारी तैयब पुलिस के चंगुल में फंसा तो पत्नी से मिलने और उसे अपना मोबाइल फोन देने की जिद करने लगा। वह जीप से उतर कर भागने की कोशिश करने लगा तो पुलिस ने उसे फिर से दबोच दबोच कर पुलिसकर्मियों के बीच बिठा लिया।

चलाना चाहता था हास्टल
मदरसे के संस्थापक मोहम्मद जिलानी का आरोप है कि कारी तैयब मदरसा हड़पना चाहता है। उन्होंने जमीन खरीदकर मदरसा बनवाया और उसे देखरेख के लिए दिया था, लेकिन उसने मनमानी कर वहां हॉस्टल शुरू कर दिया और सिर्फ लड़कियों को ही दाखिला देता था। यही नहीं कारी तैय्यब उल्टे उन्हें फर्जी मामले में फंसाने की धमकी भी दे रहा था। मदरसे के संस्थापक इंदिरानगर निवासी सैयद मोहम्मद जिलानी अशरफ ने बताया कि छात्राओं ने कागज के टुकड़े पर अपनी व्यथा लिखी और उसे मदरसे की छत से बाहर फेंक दिया।
तब कहीं जा कर उनकी जान बची। कागज पाकर मोहल्ले वालों ने अशरफ को मामले की जानकारी दी। कागज में छात्राओं ने लिखा था कि तैय्यब जिया व उसके चार साथी उनका यौन शोषण करते हैं। विरोध करने पर उन्हें असलहे दिखाकर जान से मारने की धमकी दी जाती है। इस पर मोहम्मद जिलानी सआदतगंज कोतवाली पहुंचे और अर्जी दी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद वह सीओ बाजारखाला के पास पहुंचे और फिर मदरसे पर पुलिस ने छापे मारकर लड़कियों का आजाद कराया।
लड़की की शिकायत पर रेप का केस दर्ज
देर शाम पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मुक्त कराई गई छात्राओं को प्राग नारायाण रोड स्थित नारी निकेतन में रखा गया है।
बहराइच निवासी छात्रा ने बयान दिया कि मदरसा संचालक कारी तैय्यब जिया पिछले छह महीनों से उसका रेप कर रहा था। विरोध करने पर वह उसे मारता-पीटता था। इतना ही नहीं आरोपी ने उसे धमकी दी थी कि अगर यह बात किसी को बताई तो वह उसे गायब करवा देगा। छात्रा का बयान दर्ज करने के बाद सीडब्लूसी के अधिकारियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। सआदतगंज पुलिस ने कारी तैय्यब जिया के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज किया है।
छह छात्राओं का मेडिकल कराया
एएसपी विकास चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस ने आधा दर्जन छात्राओं का मेडिकल कराया है। शनिवार दोपहर सआदतगंज कोतवाली के एसएसआई राजकेसर यादव छह छात्राओं को लेकर रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल पहुंचे। जहां डॉ. शशि वर्मा की अध्यक्षता में गठित डॉक्टरों की टीम ने छात्राओं का मेडिकल परीक्षण किया। इस दौरान छात्राएं काफी डरी सहमी थीं। डॉक्टरों ने उन्हें ढांढस बंधाने के साथ आगे की कार्रवाई की।
2 नेपाल व 9 बिहार की छात्राएं
सीओ बाजारखाला अनिल कुमार यादव ने बताया कि मदरसे से मुक्त कराई गई 51 छात्राओं में से 2 नेपाल की रहने वाली हैं, जबकि 9 छात्राएं बिहार से हैं। शेष छात्राएं सीतापुर, बहराइच, कानपुर, संतकबीरनगर, बाराबंकी व लखनऊ की रहने वाली हैं। पुलिस ने छात्राओं के अभिभावकों को घटना की सूचना दी थी।

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