माया ने चुनाव के लिए मरती बेटी को भी देखने नहीं दिया
सिद्दीकी ने चिट्ठी जारी कर मायावती और सतीश मिश्र पर लगाए गंभीर आरोप।

बहुजन समाज पार्टी से निकाले जाने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने चिट्ठी जारी कर पार्टी की ओर से लगाए गए आरोपों को झूठा बताते हुए उसके शीर्ष नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
चिट्ठी में सिद्दीकी ने दावा किया कि जिन आरोपों के आधार पर उन्हें पार्टी से निकाला गया वे झूठे और मनगढ़ंत हैं और वह इन्हीं आरोपों को मायावती और सतीश मिश्रा पर ही 'प्रमाण के साथ' साबित कर देंगे। सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने पार्टी और उसकी प्रमुख मायावती के लिए कई कुर्बानियां दी हैं।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने चिट्ठी में बताया कि 1996 के विधानसभा चुनाव में बतौर मायावती के चुनाव प्रभारी उन्हें उनकी बीमार बेटी से मिलने से इसलिए 'रोक दिया गया' क्योंकि मायावती को 'डर था कि अगर वह चले गए तो मायावती चुनाव हार जाएंगी'।
चिट्टी में लिखा है, 'मेरी इकलौती पुत्री बांदा में गंभीर रूप से बीमार हुई। मेरी पत्नी ने कहा कि तुम आ जाओ, बेटी आखिरी सांसें ले रही है। मैंने मायावती जी से फोन पर अपनी पुत्री को देखने जाने की अनुमति चाही तो उन्होंने कहा कि चुनाव फंसा हुआ है, तुम ही मेरे इलेक्शन एजेंट और प्रभारी हो।
तुम्हारे जाने का मतलब मेरा चुनाव हारना है अर्थात मुझे मेरी पुत्री को देखने के लिए अथवा इलाज कराने के लिए सुश्री मायावती जी ने अपने निजी स्वार्थवश मना कर दिया। मैंने उनका आदेश माना और नहीं गया। नतीजा यह हुआ कि चुनाव के दौरान मेरी सबसे बड़ी संतान ने इलाज के अभाव में बांदा में दम तोड़ दिया।'
हार के लिए मायावती की नीतिया जिम्मेदार
चिट्ठी में सिद्दीकी के हवाले से दावा किया गया है कि बेटी की मौत के बाद भी मायावती के निर्देश के तहत वह अपनी 'बेटी के अंतिम संस्कार में भी नहीं गए'। चिट्ठी में सिद्दीकी ने कहा कि पार्टी ने उनकी कुर्बानियों का परिणाम उनके निष्कासन के रूप में उन्हें दिया।
सिद्दीकी ने आगे आरोप लगाया कि साल 2009 के लोकसभा चुनाव, 2012 के विधानसभा चुनाव, 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में मायावती की गलत नीतियों की वजह से पार्टी को असफलता मिली, लेकिन इसका ठीकरा उन्होंने मुसलमानों पर झूठे और गलत आरोप लगाकर फोड़ दिया।
छवि खराब करने की दी सजा
इससे पहले बुधवार को खबर आई कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी और उनके बेटे अफजल सिद्दीकी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया। बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि दोनों पार्टी की छवि को खराब कर रहे थे। मिश्रा ने आरोप लगाया कि सिद्दीकी ने पश्चिमी यूपी में बेनामी संपत्ति बनाई और अवैध बूचड़खाने भी चला रहे थे।
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