हिसार बीफ मामला: रिपोर्ट में हुआ खुलास, बिरयानी में था गोमांस
पीएफए ने 2016 में सरकारी अधिकारीयों और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

जनपद मेवात के बाजारों में खुलेआम बिकने वाली बिरयानी को लेकर एक चौंकाने वाला सच सामने आया है, बाजारों मे विकने वाली बिरयानी में बीफ पाया गया है जिसका खुलासा लाला लाजपत राय यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरिनरी एंड एनिमल साइंसेज हिसार की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
(पीएफए) पीपुल फॉर एनिमल के अध्यक्ष नरेश कादयन ने छह दिन बाद साल 2016 में इकट्टा हुए बिरयानी के नमूनों को सरकारी अधिकारीयों और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद हिसार के विश्वविद्यालय लाला लाजपत राय में पशु चिकित्सक और पशु विज्ञान ने सोमवार को स्पष्ट किया है कि विश्वविद्यालय में भेजे गए नमूने 'गाय और बैल' के ही थे ।
हरियाणा पुलिस का कहना है कि विश्वविद्यालय की रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद नरेश कादयन के द्वार की गई शिकायत पर कार्रवाई अवश्य की जाएगी।
कादयन का आरोप है कि गायों को किसी भी परमिट के बिना गैरकानूनी रूप से बीफ बिरयानी प्राप्त करने के लिए उनका वध किया जाता है। गाय और बैल के मांस को गोमांस कहा जाता है इसका साफ अर्थ है कि सभी सात नमूने बीफ़ पॉजिटिव पाए गए हैं। इस अपराध के लिए अभियुक्त को सात साल कारावास की सजा मिल सकती है।
बिरयानी के नमूने 2016 में सात व्यापारियों से एकत्र किए गए थे, जिसमें यह संदेह था कि ये बीफ़ का उत्पाद करते थे। 24 अगस्त 2016 को पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने विश्वविद्यालय में जांच के लिए नमूनों को भेजा था।
जिसके बाद 6 सितंबर 2016 को विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में दावा किया था कि, जांच में सभी सात नमूने मवेशी प्रजातियों से हैं"। पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से प्रयोगशाला परीक्षण के परिणामों पर स्पष्टता से रिपोर्ट मांगी थी।
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