खुलासा: गायत्री प्रजापति की जमानत के लिए हुई थी 10 करोड़ की डील
रेप और हत्या जैसे जघन्य अपराध में जमानत मिलने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी भोसले ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की जांच में खुलासा हुआ है कि रेप के आरोपी गायत्री प्रजापति को जमानत देने के लिए 10 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था।
उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति को रेप के एक मामले में मिली जमानत में एक बड़ा खुलासा हुआ है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट की जांच में खुलासा हुआ है कि गायत्री प्रजापति को जमानत देने के लिए 10 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ था।
ये मामला सामने आने के बाद अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ गई है। हाई कोर्ट के इस खुलासे के बाद यूपी में एक नया विवाद पैदा हो गया है।
आपको बता दें कि रेप और हत्या जैसे जघन्य अपराध में जमानत मिलने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बी भोसले ने इस मामले में जांच के आदेश दिए थे।
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हाई कोर्ट की जांच में इस तरह के संवेदनशील मामलों की सुनवाई और अदालतों में जजों की पोस्टिंग में बड़े भ्रष्टाचार की बात सामने आई है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस भोसले ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अतिरिक्त जिला और सेसन जज ओपी मिश्रा को उनके रिटायर होने से ठीक तीन सप्ताह पहले ही पोक्सो (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) जज के रूप में तैनात किया गया था।
इसके बाद जज ओपी मिश्रा ने ही गायत्री प्रजापति को 25 अप्रैल को रेप के मामले में जमानत दी थी। उन्होंने ओपी मिश्रा की नियुक्ति में नियमों की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया। जस्टिस भोसले ने कहा कि मिश्रा की नियुक्ति एक काबिल जज को हटाकर की गई थी।
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