जानें काले जादू वूडू का क्या है रहस्य
वूडू में एक डॉल का इस्तेमाल कर लोगों के शरीर में विकार पैदा किये जाते हैं

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[email protected]Created On: 30 March 2017 3:08 PM GMT
काला जादू या वूडू ये शब्द ही अपने आप में तमाम रहस्यों से भरा हुआ है। ये जितना ही खतरनाक होता है उतना ही ज्यादा लोग इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। भारत के अलावा काला जादू या वूडू पश्चिम अफ्रीका, हैती और अमेरिका के लुइसियाना प्रांत में भी होता है। इसे लेकर लोगों में कई गलतफहमियां है लोग सोचते हैं कि वूडू का इस्तेमाल सिर्फ लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए ही नहीं बल्कि हीलिंग के तौर पर भी होता है। हीलिंग के लिए हर्ब्स का इस्तेमाल होता है।
अक्सर आपने फिल्मों में देखा होगा कि वूडू में एक डॉल का इस्तेमाल कर लोगों के शरीर में विकार पैदा किये जाते हैं। वूडू का संबंध हूडू से है। इस गुड़िया को कॉर्न, आलू, पौधे के हिस्सों, मिट्टी और कपड़े से बनाया जाता है।
वूडू के जानकार ल्वा को जगाते हैं, जो एक बुरी आत्मा है। वूडू में ऐसी मान्यता है कि एक अच्छी आत्मा होती है जबकि बहुत सारी बुरी आत्माएं, जिन्हें वूडू की भाषा में ल्वा कहा जाता है।
वूडू के प्रैक्टिशनर ल्वा से संपर्क स्थापित करते हैं। अब कुछ क्रिश्चियन सेंट्स भी वूडू करने लगे हैं।
वूडू में बुरी आत्मा यानि कि ल्वा का आह्वाहन किया जाता है। इसमें इंसानों की नहीं बल्कि जानवरों की बलि दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि पशु बलि देने से ल्वा की ताकत बढ़ जाती है।
इंसानों की बलि नहीं दी जाती है। इसमें सिर्फ जानवरों को काटा जाता है। इसमें ल्वा का आह्वान किया जाता है। माना जाता है कि पशु बलि से ल्वा को लाइफ एनर्जी मिलती है।
ऐसा माना जाता है कि हर ल्वा की अपनी एक अलग कुदरती ताकत होती है| गुड़िया बना कर उसमें ल्वा को बुला कर उससे सलाह ली जाती है।
वुडू के पुरुष प्रैक्टिशनर को हौगन और महिला प्रैक्टिशनर को मांबो कहा जाता है।
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