Trending News: घरों तक खाना पहुंचाते हुए सीखी 'कोडिंग', डिलीवरी बॉय बना सॉफ्टवेयर इंजीनियर
सत्तार ने अपने संघर्ष को लिंक्डन पर शेयर किया, इस दौरान उन्होंने लिखा कि पहले वो अपने परिवार को आर्थिक सपोर्ट करने के लिए ओला, स्विगी, उबर, रैपिडो और जोमैटो के लिए काम करता था। लेकिन अब वो एक कामयाब सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।

एक कहावत है कि सफलता उसी को मिलती है जो मेहनत करता है। इस कहावत को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh, Bengaluru,) के शेख अब्दुल सत्तार (Shaik Abdul Sathar) ने सही साबित किया है। इस युवक के दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति ने उसे फूड डिलीवरी बॉय (Food Delivery Boy) से एक आईटी इंजीनियर (IT engineer) बनने के लिए प्रेरित किया है। दरअसल सत्तार जोमैटो और स्विगी में डिलीवरी बॉय के रूप में सालों तक काम कर रहा था लेकिन अब वो अपनी मेहनत के बूते बेंगलुरु (Bengaluru) में एक आईटी इंजीनियर बन गया है।
सत्तार ने अपने संघर्ष को लिंक्डन पर शेयर किया, इस दौरान उन्होंने लिखा कि पहले वो अपने परिवार को आर्थिक सपोर्ट करने के लिए ओला, स्विगी, उबर, रैपिडो और जोमैटो के लिए काम करता था। लेकिन अब वो एक कामयाब सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।
दरअसल उन्होंने अपनी वायरल पोस्ट में लिखा कि, मैं एक डिलीवरी बॉय हूं मेरा एक सपना है, मेरे पिता एक कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारी हैं। इसलिए हमारे पास बस इतना ही पैसा था कि हम अपना गुजारा कर सकें। इसलिए मैं जितना हो सके काम करके परिवार की मदद करना चाहता था। हालांकि, शुरुआत में मैं डरता था, लेकिन एक डिलीवरी बॉय होने के कारण मैंने बहुत कुछ सीखा है।
वहीं अपनी सफलता की कहानी को शेयर कर सत्तार ने कहा कि उसके दोस्तों ने जोर देकर उसे कोडिंग कोर्स ज्वाइन करने को कहा। इसी से उसे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने में मदद मिली। शेख अब्दुल सत्तार ने साथ ही बताया कि उसने कोडिंग सीखने के लिए शाम 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक डिलीवरी बॉय का काम किया। इस कारण जॉब से जो पैसा मिलता था वो उसे पॉकेट मनी के रूप में इस्तेमाल करता था साथ ही परिवार की छोटी-छोटी जरूरतों को भी पूरा करता था।
फिर जल्द ही मैं खुद एक वेब एप्लिकेशन तैयार करने लगा, मैंने कुछ प्रोजेक्ट पूरे किए और नौकरी के लिए कंपनियों में एप्लाई कर दिया। सत्तार कहते हैं कि उन्हें गर्व है कि वो एक डिलीवरी बॉय का काम करते थे। उनके डिलीवरी बॉय के अनुभव ने उन्हें लोगों से मेल जोल बढ़ाने का काम किया। आज वो अपनी महीनों की सैलरी से अपने माता-पिता के कर्ज चुका सकता है।