रिसर्च स्कॉलर अनिल कुमार धीर ने आगे बताया कि हमें इस मंदिर की खोज थी। एक हफ्ते पहले हमें पता चला कि इस मंदिर का मस्तक पानी के ऊपर नज़र आ रहा है।