नमामि गंगे मिशन: पटरी पर उतरी यमुना सुधार की परियोजनाएं!
मथुरा-वृंदावन में शुरू हुई 40 करोड़ रुपये की परियोजनाएं

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o.p palCreated On: 18 Aug 2016 3:57 PM GMT
मथुरा. केंद्र सरकार ने मथुरा जिले की धार्मिक नगरी वृंदावन में नमामि गंगे मिशन के तहत यमुना नदी की सफाई और उसके सुधार संबन्धी 40 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजनाओं की शुरूआत कर दी है। परियोजना के तहत यमुना नदी में गंदे पानी के प्रवाह को रोकने हेतु एक सीवेज शोधन संयंत्र स्थापित करने के अलावा अन्य विकास कार्य भी कराए जाएंगे।
वृंदावन में आयोजित नमामि गंगे मिशन समारोह में बुधवार को केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान तथा मथुरा की सांसद हेमामालिनी ने संयुक्त रूप से मथुरा-वृंदावन में यमुना नदी को स्वच्छ एवं उसके सुधार वाली परियोजनाओं की शुरूआत की। इन परियोजनाओं में मथुरा के लक्ष्मीनगर में 20 एमएलडी का एक सीवेज जलशेधन संयंत्र स्थापित होगा।
लक्ष्मीनगर से गोकुल बैराज स्थित मथुरा रिफाइनरी तक 9 किमी लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी, जिसके जरिए गंदा पानी शोधन के बाद रिफाइनरी तक पहुंचेगा और उसका औद्योगिक इस्तेमाल हो सकेगा। देश में यह पहली रिफाइनरी होगी जो जलशोधन का प्रयोग करेगी। इस मौके पर केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री भारती ने कहा कि राष्ट्रीय स्व्च्छस गंगा मिश्न द्वारा अपनाये जाने वाले हाईब्रिड एन्यू टी मोड की मदद से वर्ष 2018 तक मथुरा-वृंदावन में यमुना की सूरत एकदम बदल जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली से मथुरा-वृंदावन तक जाने वाले यमुना के प्रदूषित जल को रोकने के हर प्रयास किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सिंचाई के क्षेत्र में नई प्रेशर प्रौद्योगिकी के इस्तेदमाल से गंगा-यमुना के 60 प्रतिशत पानी की बचत की जा सकेगी, जिसका उपयोग नदी के प्रवाह को बनाए रखने में किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछली 7 जुलाई को राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने मथुरा में 17 घाटों और 3 शवदाह गृहों के निर्माण का काम शुरू किया था। मथुरा में यमुना की सतह की सफाई के लिए एक ट्रेश स्कीामर भी लगाया गया है।
तेल कंपनी के साथ करार
इस समारोह के दौरान इन केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में राष्ट्रीय गंगा स्वच्छता मिशन के निदेशक रजत भार्गव ने तेल कंपनी इंडियन आॅयल कारर्पोरेशन के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किये हैं। जो अपशिष्ट जल को मथुरा तेल शोधन संयत्र के उपयोग के लिये इस परियोजना के तहत लेगा।
यमुना नदी पर ऐसे चलेगा अभियान
नमामि गंगे मिशन के तहत जल संसाधन मंत्रालय मथुरा में 11 यमुना घाटों व वृंदावन में मोक्षधाम समेत छह घाटों पर विकास कार्य कराएगा। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन में कुल 19.5 करोड़ रुपये की लागत से विकास कार्य होंगे। इनमें से 16.5 करोड़ से मथुरा में और तीन करोड़ रुपये से वृंदावन में कार्य होंगे। इन कार्यों को पूरा करने की समय सीमा 18 माह तय की गई है। यह परियोजना 40 करोड़ के सीवेज जलशोधन संयंत्र की परियोजना से अलग होगी।
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