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अश्लील फिल्मों के मजे लेता था मास्टर माइंड, रोका जा सकता था हमला

मुंबई हमले का मास्टर माइंड देखता था पोर्न!

अश्लील फिल्मों के मजे लेता था मास्टर माइंड, रोका जा सकता था हमला
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नई दिल्ली. साल 2008 में हुए मुंबई पर आतंकी हमला रोका जा सकता था। लश्कर आतंकवादी हमला नहीं कर पाते, अगर ये तीन देश अमेरिका, इंग्लैंड और भारत की खुफिया एजेंसी अपनी नजर को पैना रखती। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी गई एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2008 में मुंबई में आतंकी हमला कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की सही से निगरानी ना करने कारण हुआ था जिसमें ना जाने कितने ही लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी। रिपोर्ट के अनुसार मुबंई हमलों से कंप्यूटर निगरानी की ताकत का पता तो चला ही साथ ही साथ यह भी पता चला कि कंप्यूटरों के जरिये निगरानी अभेद नहीं हो सकती।
जरार शाह की भूमिका को लेकर बेशक पहली बार इतना बड़ा खुलासा हुआ हो लेकिन मुंबई पर हमला करने की साजिश को अंजाम देने से लेकर पोर्न वेबसाइटों को एडिक्ट होने तक की हर खबर और करतूत ब्रिटेन और भारत दोनों की खुफिया एजेंसियों को थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि जरार शाह तकनीक में एक नबंर का माहिर व्यक्ति था, जिसकी सहायता से उसने लश्कर के लिए हथियार की तहर काम किया।
न्यूयॉर्क टाइम्स, प्रोपब्लिका और पीबीएस सीरीज 'फ्रंटलाइन' की 'इन 2008 मुंबई किलिंग्स, पाइल्स ऑफ स्पाई डाटा, बट एन अनकंप्लीटेड पजल' शीषर्क वाली रिपोर्ट में कहा गया है, कि 'मुंबई पर हमला एक दम संवेदनशीलता है। कंप्यूटर निगरानी और इंटरसेप्ट्स के आतंकवाद रोधी हथियार के रूप में होने का खुलासा करता है।'
इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, 'आगे जो हुआ, वह खुफियागीरी के इतिहास में सर्वाधिक घातक चूकों में से एक है। जोकि एक बहुत बड़ी तबाही का करण भी बना। तीन देशों की खुफिया एजेंसियां अपनी हाईटेक टेकनौलोजी और अन्य उपकरणों की सहायता से जुटाई गइ सभी जानकारी को एकसाथ रखने में असफल रहीं, जिनसे आतंकी हमले को रोका जा सकता था और लाखों लोगों की जान को बचाया जा सकता था। वह हमला इतना भयानक था कि अब उसे भारत के इतिहास में 9/11 कहा जाता है।
रिपोर्ट में आगे लश्कर के आतंकी और योजनाकार ज़र्रार शाह की ऑनलाइन गतिविधियों की जानकारी ब्रिटिश और भारतीय खुफिया एजेंसियों को थी। लेकिन ये दोनों ही उसकी हरकतों और नापाक इरादों पर नज़र रखने में कामयाब नहीं हुए। पाकिस्तान में बैठ कर आंतकी अपनी मनमानी कर रहा था लेकिन ये जासूसी एजेंसियां उसकी गतिविधियों को एक कड़ी में नहीं पिरो पाईं जिसका नतीजा मुंबई हमलों के रूप में हुआ। जो आज तक भी लोगों के दिलों में नासूर की तरह रह-रह कर चुबता है।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, क्या कहा था आतंकी कसाब ने-
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