हाथी से फसलों को बचाने के लिए किसानों ने किया अनोखा प्रयोेग, खेतों में खड़े किए बाघ
तकरीबन 300 से ज्यादा गुस्साए ग्रामीणों ने हॅासर और रोयाकोत्ताई के बीच का हाइवे भी बंद कर दिया था।

X
haribhoomiCreated On: 7 Nov 2014 12:00 AM GMT
कृष्णागिरि. तमिलनाडु के सीमांत क्षेत्रों के किसान की फसलों को हाथियों द्वारा भारी मात्रा में नकसान पहुंच रहा है। जिससे फसलों की सुरक्षा की चिंता बढ़ती जा रही है। सनामाव सीमांत क्षेत्र के किसानों आरक्षित वन क्षेत्रों ने समाधान ढूंढ निकाला है। यहां के किसानों ने बाघ को हाथी के पुराने दुश्मन के तौर पर प्रयोग करने का फैसला लिया है। उन्हे यकीन है कि इससे हाथी डर जाएंगे और खेत से दूर ही रहेंगे। क्षेत्र के तकरीबन पचास किसानों ने अपने खेतों में बाघ के पुलते खड़े किए हैं। बाघ को देख हाथी डर जाते हैं और वापस लौट आते हैं। वहां पर इस तरह की भी व्यवस्था की गयी है कि हाथियों के प्रवेश करते ही बिल्लियां भी आवाज करेंगी। किसानों ने स्पीकर के माध्यम से यह व्यवस्था कि है।
हाथी आमतौर पर बाघों को नापसंद करता है और इससे दूरी बनाए रखने में ही समझदारी समझता है। किसानों का कहना है कि इस प्रयोग से हाथी के उसके सामने आने की संभावना कम रहती है। बाघ के पुतले के पीछे के दो पैर हवा में होंगे जिससे वे जीवित और वास्तविक लगते हैं। इस तरह किसानों ने नया विकल्प निकाल लिया है। तमिलागा विवासेयीगल संगम एसोशिएशन के किसानों के अध्यक्ष एमआर सिवासमी ने कहा कि हाथियों ने पिछले साल किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया। हाथियों के कारण धान, सब्जी समेत कई फसलों को बर्बाद कर दिया।
इससे सूलागिरी, एनछेट्टी, उठानापल्ली, उदेदुरगम क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ। जानकारी के मुताबिक तकरीबन 1000 हजार से भी अधिक हाथी प्रतिवर्ष कर्नाटक के बैन्नरघत्ता आरक्षित वन क्षेत्र से यहां आते हैं। होसर शहर के 10 किलोमीटर पश्चिम क्षेत्र के आस पास से ये हाथी जमा होते हैं। वन्यकर्मियों के मुताबिक 88 हाथियों ने इस साल जंगल में प्रवेश कर लिया है। इससे 27 अक्टूबर की रात को हाथियों का एक बड़ा झुंड शामिल था।
नीचे की स्लाइड्स में जानिए, किसानों को कहां से मिला याह नायाब आइडिया-
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
Next Story