दुर्ग। खाद्य और औषधि विभाग की टीम ने बुधवार को आधी रात बाद पाटन इलाके के देमार में छापा मारा और पनीर, दूध बनाने की फैक्ट्री का खुलासा किया। यहां उत्पाद के नकली होने का शक है। नकली इसलिए माना जा रहा है कि क्योंकि यहां बड़ी मात्रा में दूध पावडर के साथ केमिकल, ऑयल और यूरिया जब्त की है। यहां मिला सामान पनीर और खोवा से संबंधित नहीं है। फैक्ट्री राजधानी रायपुर के रहने वाले नावेद खान की बताई जा रही है। अफसरों का कहना है, सैंपलों की जांच के बाद नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।  

छापामार कार्रवाई में स्किन बर्न की चेतावनी वाला केमिकल मिला है। एसिड कंटेनर में साफतौर पर लिखा है कि यह मानव शरीर के लिए हानिकार है। जिससे ऐसा माना जा रहा है कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ पिछले लंबे समय से किया जा रहा है। टीम ने जांच के बाद तत्काल प्रोससिंग यूनिट को सील कर दिया है। वहीं सैंपल लेकर राज्य प्रयोगशाला कालीबाड़ी भेजा गया है। आशंका है कि फैक्ट्री में नकली दूध और पनीर बनाया जा रहा था।

प्रशासन को भी नहीं की गई खबर

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग और पाटन के राजस्व विभाग के अफसरों द्वारा प्रोससिंग यूनिट में दबिश दी गई. लेकिन इस कार्रवाई की सूचना औषधि प्रशासन के अफसरों ने न तो जिला प्रशासन को दिया और न ही स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। आखिर में क्या कार्यवाही हुई इससे उच्च अधिकारी भी अनजान थे। इस संबंध में कलेक्टर ऋणा प्रकाश चौधरी से भी संपर्क किया गया। लेकिन उनसे बात नही हो पाई।

रात दो बजे फैक्ट्री में दबिश

फूड सेफ्टी रिचा शर्मा ने बताया कि, उन्हें बुधवार रात सूचना मिली थी। सूचना मिलने के बाद विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से सुनियोजित प्लान बनाकर फैक्ट्री में दबिश दी। खबर है कि सुबह से शुरू की गई जांच देर शाम तक चलती रही। अफसरों ने खुद आशंका जताई है कि यहां नकली दूध और पनीर बनाया जा रहा है। हालांकि अफसरों ने सैंपल रिपोर्ट आने के बाद संचालक पर प्रावधान के तहत कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही है। सीएमओ जेपी मेश्राम ने बताया कि, बुधवार रात दो बजे से जांच चल रही है।

बड़े पैमाने पर बनाई गई जब्ती

औषधि प्रशासन की टीम ने यहां व्यापक पैमाने पर दूध, पनीर, दूध पाउडर, यूरिया, केमिकल और ऑयल जब्त किया है। अधिकारियों का कहना है कि, सैंपल की जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

मुझे जानकारी नहीं

दुर्ग सीएमएचओ जेपी मेश्राम  ने बताया कि, औषधि प्रशासन विभाग द्वारा कार्यवाही की मुझे विस्तार से जानकारी नही मिल पाई है। हालांकि देर रात मुझे फोन कर कार्रवाई की सूचना दी गई।