गांव में भैंस चराने को मजबूर भारतीय क्रिकेट विश्वकप टीम का ''स्टार खिलाड़ी''!
भारत के लिए 125 मैच में 150 विकेट और 3125 रन बनाने वाले डामोर भारतीय टीम में एक ऑलराउंडर के रूप में खेलते थे।

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haribhoomi.comCreated On: 12 July 2015 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. क्रिकेट और क्रिकेट खिलाड़ी का नाम आते ही सबसे पहले नाम और शोहरत पर ध्यान जाता है। अब यह खिलाड़ी सरकारी उपेक्षाओं के चलते भेंस चराने को मजबूर है। लेकिन शायद आप भारतीय क्रिकेट टीम के इस खिलाड़ी के बारे में जानते होंगे। अगर कभी जेहन में आया भी होगा तो अब आपकी यादों से ओझल हो गया होगा। ये भी भारतीय टीम के 'सचिन तेंदुलकर' ही थे। लेकिन आज जिन्दगी 22 गज से भी छोटी हो गई है।
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हम बात कर रहे हैं भालाजी डामोर की, जिनके नाम भारतीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड है। इतना ही नहीं साल 1998 विश्व कप में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचाया था। लेकिन आज इसकी स्थिति ऐसी बन गई है कि आज उन्हें गुजारे के लिए भी सोचना पड़ता है।
1998 में भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल तक ले जाने वाले खिलाड़ी भालाजी डामोर आज अपने गांव में भैंस चराने को मजबूर है। डामोर पहले नेत्रहीन वर्ल्ड कप के मैन ऑफ द सीरिज बने थे। भारत के लिए 125 मैच में 150 विकेट और 3125 रन बनाने वाले डामोर भारतीय टीम में एक ऑलराउंडर के रूप में खेलते थे।
टीम की इस कामयाबी के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन ने उन्हें सम्मानित भी किया था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा - वर्ल्ड कप के बाद मुझे उम्मीद थी कि एक नौकरी मिल जाएगी. लेकिन मुझे किसी भी कोटे से नौकरी नहीं मिली। कई सालों बाद गुजरात सरकार से प्रशंसा प्रमाण मिला। उनके इस बेजोड़ प्रदर्शन को देखते हुए विश्व कप में उन्हें 5000 रूपये का नकद इनाम मिला था।
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