सेरेना ने जब आंखों के सामने पिछले साल देखी मौत, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे
दुनिया की दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स ने अपनी यह व्यथा सीएनएन के साथ साझा की है।

दुनिया की दिग्गज टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स के जीवन में पिछले साल अपने पहले बच्चे के जन्म के तुरंत बाद ऐसा भी दौर आया जब ‘ब्लड क्लाट’ यानि खून के थक्के जमने के कारण एक समय वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी। सेरेना ने अपनी यह व्यथा सीएनएन के साथ साझा की है जब उन्होंने अपनी बेटी ओलंपिया के जन्म के बाद उनके फेफड़े के पास खून का थक्का जमने के कारण मौत को अपने करीब से गुजरते देखा था। सेरेना ने कहा- मैं अपनी बेटी को जन्म देने के बाद लगभग मर गई थी।
सीजेरियन सेक्सन सर्जरी हुई
इस 23 बार की ग्रैंडस्लैम चैंपियन ने कहा कि बेटी के जन्म के दौरान उनके दिल की धड़कन कम होने लगी थी और आपात स्थिति में उनकी सीजेरियन सेक्सन सर्जरी की गई। आपरेशन सफल रहा और वह यह समझ पाती इससे पहले उनकी गोद में एक खूबसूरत बच्ची थी।
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फेफडे के धमनी में थक्का जमा था
सेरेना ने कहा- लेकिन मां बनने के केवल 24 घंटे के बाद जो कुछ हुआ उससे अगले छह दिन अनिश्चितता में बीते। जनवरी में वॉग पत्रिका के साथ साक्षात्कार में सेरेना ने कहा था कि मां बनने के बाद फेफड़े की उनकी एक या अधिक धमनियों में रक्त का थक्का जम गया था। यह पहला अवसर नहीं था जबकि 36 वर्षीय सेरेना को रक्त का थक्का जमने के कारण मौत का आभास हुआ था।
2011 में भी इस समस्या से जूझना पड़ा
इससे पहले 2011 में म्यूनिख के एक रेस्टोरेंट में गिलास टूटने से उनके पांव में चोट लग गई थी और इसके बाद उन्हें लगभग एक साल तक फेफडे़ की धमनियों में रुकावट की समस्या से जूझना पड़ा था। इस अमेरिकी खिलाड़ी ने कहा- इस परेशानी को लेकर मेरे पुराने रिकार्ड को देखते हुए इस स्थिति में मैं काफी डरी हुई थी।
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जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया
सेरेना ने कहा कि अस्पताल में उपचार के दौरान सीजेरियन सर्जरी के बाद एक दिन उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। चिकित्सकों ने उनका सीटी स्कैन कराया और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया। लेकिन उनकी समस्या यहीं पर समाप्त नहीं हुई। इसके बाद लगातार वह खांसने लगी जिससे सीजेरियन के उनके घाव पर गलत असर पड़ा।
चिकित्सकों की तारीफ की
सेरेना ने कहा- चिकित्सकों को मेरे पेट पर लाल चकता दिखा। यह मेरे फेफड़ों तक नहीं पहुंचे इसके लिए मुझे आपरेशन कक्ष में जाना पड़ा। जब मैं आखिर में घर लौटी तो मैंने छह सप्ताह बिस्तर पर बिताए। उन्होंने अस्पताल के चिकित्सकों की भी तारीफ की। सेरेना ने कहा- अगर उन्होंने मेरी अच्छी तरह से देखभाल नहीं की होती तो मैं आज यहां नहीं होती। सेरेना ने हालांकि अस्पताल के नाम का खुलासा नहीं किया।
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