BCCI से हटाए जाने के बाद अनुराग ठाकुर ने क्या कहा!
सुप्रीम कोर्ट ने लोढा कमेटी की सिफारिशों को न मानने पर की कार्रवाई

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haribhoomi.comCreated On: 2 Jan 2017 12:00 AM GMT
नई दिल्ली. बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बर्खास्ती पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि रिटायर्ड जजों की निगरानी में बीसीसीआइ बेहतर काम करेगा तो मेरी शुभकामनाएं उन सब के साथ हैं। मुझे लगता है कि वो बेहतर काम करेंगे।
If SC feels BCCI would do better under retired judges then I wish them all the best ,I am sure they will do well: Anurag Thakur
— ANI (@ANI_news) January 2, 2017
अनुराग ने कहा कि यह लड़ाई मेरे लिए व्यक्तिगत नहीं थी बल्कि यह देश की एक खेल संस्था की आजादी की लड़ाई थी। मैं देश के अन्य नागरिकों की तरह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करता हूं।
अनुराग ने आगे कहा कि बीसीसीआइ देश की सबसे अच्छी खेल संस्था है। भारत में दुनिया की सबसे बेहतरीन क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर है।
बीसीसीआइ को लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने में आना-कानी करने पर भारी कीमत चुकानी पड़ी है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए बीसीसीआइ के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को इस पद से हटाने का फैसला सुनाया है।
#FLASH: Supreme Court removes Anurag Thakur from the post of BCCI President.
— ANI (@ANI_news) January 2, 2017
कोर्ट ने बीसीसीआइ सचिव अजय सिर्के को भी पद से हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने दोनों को नोटिस भी जारी किया है। सिर्के ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि मुझे अभी तक कोर्ट की कॉपी नहीं मिली है।
गौर हो कि पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा था कि बीसीसीआइ अध्यक्ष अनुराग ठाकुर पर कोर्ट की अवमानना का केस चलाया जा सकता है। इसके लिए अनुराग ठाकुर जेल भी जा सकते हैं।
कोर्ट ने ये कहा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि 70 साल से ज्यादा उम्र के अधिकारी बीसीसीआइ में ना हो।
क्यों हुआ लोढ़ा कमेटी का गठन
बीसीसीआर्इ को तीन मुद्दों कूलिंग ऑफ पीरीयड, अधिकारियों की उम्र व कार्यकाल और एक राज्य एक वोट पर ऐतराज था। बीसीसीआइ में सुधार के लिए जनवरी 2015 में लोढ़ा कमिटी का गठन किया गया था।
जस्टिस लोढ़ा ने कहा ये तो होना ही था
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जस्टिस आरएम लोढ़ा ने कहा कि यह तो होना ही था और अब यह हो गया। सुप्रीम कोर्ट के सामने तीन रिपोर्ट सबमिट की थी, उस समय भी इसे लागू नहीं किया गया। एक बार जब सुप्रीम कोर्ट ने कमिटी की सिफारिशों को अपना लिया तो उसे लागू किया जाना था। यह तर्कपूर्ण फैसला है। सबको यह बात समझ लेनी चाहिए कि एक बार जब सुप्रीम कोर्ट आदेश पास कर देता है तो उसे मानना चाहिए। यह क्रिकेट की जीत है और यह आगे बढ़ेगा। प्रशासक आते जाते रहते हैं लेकिन यह खेल के फायदे के लिए है। पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने इस फैसले पर कहा कि यह भारतीय खेलों के लिए अच्छा है और विशेष रूप से क्रिकेट के लिए।
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