ग्रैंडस्लैम फाइनल के दबाव से बखूबी वाकिफ हैं वीनस

ग्रैंडस्लैम फाइनल के दबाव से बखूबी वाकिफ हैं वीनस
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मु्गुरुजा और वीनस अब महिला सिंगल्स फाइनल में आमने-सामने हैं और शनिवार को खिताब के लिए खेलेंगी।

सानिया मिर्जा बोली- कुछ दिन पहले तक मैं महिला डबल्स में ऐसे पार्टनर की तलाश में थी जो मेरे साथ जोड़ी बनाकर खेल सके। मेरे पास वक्त कम बचा था।

तब मैंने गारबाइन मुगुरुजा और वीनस विलियम्स से भी बात की। ये दोनों शानदार सिंगल्स खिलाड़ी हैं और डबल्स में भी बेहतरीन प्रदर्शन की काबिलियत रखती हैं।

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दोनों ने यह कहकर खुद को मेरे प्रस्ताव से अलग कर लिया कि उन्हें विंबलडन में अपनी खिताबी जीत के अवसर नजर आ रहे हैं और उनका सारा ध्यान उसी लक्ष्य को हासिल करने पर है।

मु्गुरुजा और वीनस अब महिला सिंगल्स फाइनल में आमने-सामने हैं और शनिवार को खिताब के लिए खेलेंगी। उन्होंने सिंगल्स पर ध्यान केंद्रित करने का अच्छा फैसला लिया।

विंबलडन में मुगुरुजा का यह दूसरा फाइनल है। इससे पहले 2015 में उन्हें सेरेना के हाथों सीधे सेटों में हार का सामना करना पड़ा था।

हालांकि उन्होंने इसके बाद 2016 में फ्रेंच ओपन के रूप में अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब हासिल किया। अब वह विंबलडन की ट्रॉफी को साथ ले जाना चाहेंगी, जिससे वे कुछ साल पहले चूक गईं थीं।

23 साल की मुगुरुजा को निरंतर अच्छा प्रदर्शन करने में संघर्ष करना पड़ा है और इस समय वह 15वीं रैंक पर हैं। मगर इस साल विंबलडन में वह अच्छी लय में दिखी हैं।

उन्होंने रिबारिकोवा, कुजनेत्सोवा, क्रिस्टिया, विकमेयर और एलेक्जेंडरा के खिलाफ प्रभावशाली जीत दर्ज की, जबकि टूर्नामेंट में अब तक केवल एक सेट गंवाया है और वह भी मौजूदा नंबर वन खिलाड़ी एंजेलिक कर्बर के हाथों।

वहीं, मुगुरुजा की प्रतिद्वंद्वी वीनस उनसे 14 साल बड़ी हैं और कहीं अधिक अनुभवी भी। खासकर ग्रैंडस्लैम फाइनल में किस तरह का दबाव होता है, वह उन्हें बखूबी पता है।

वह अपने छठे विंबलडन सिंगल्स खिताब की ओर देख रही हैं। आखिरी बार उन्होंने यहां नौ साल पहले खिताबी जीत हासिल की थी। कुछ समय पहले तक आलोचकों ने उनके एक और ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने के अवसरों को खारिज कर दिया था।

उन्होंने पिछले साल छोटी बहन सेरेना के साथ विंबलडन में महिला डबल्स का खिताब जीता था। सेरेना ने ही इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में वीनस को हराया था।

कई मायनों में वीनस की यह जोरदार वापसी है। इस अमेरिकी खिलाड़ी ने सेमीफाइनल में ब्रिटेन की जोहाना कोंटा का सपना तोड़ा, जिसने स्‍थानीय प्रशंसकों को निराश किया होगा।

मगर विंबलडन के सेंटर कोर्ट से वीनस को चैंपियन बनकर बाहर निकलना है तो उन्हें अपनी प्रतिभाशाली प्रतिद्वंद्वी मुगुरुजा से पार पाना ही होगा।

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