सचिन तेंदुलकर के गुरु रमाकांत आचरेकर के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप
नए साल के दूसरे दिन की दूसरी सबसे बड़ी बुरी खबर सामने आई है कि सचिन तेंदुलकर के कोच (Sachin Tendulkar coach) रहे रमाकांत आचरेकर (Sachin Tendulkar coach Ramakant Achrekar) का मुंबई में निधन हो गया है। भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर 87 वर्ष के थे, वह पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे। लंबी बामारी के बाद बुधवार शाम 6 बजकर 30 मिनट पर उनका निधन (Ramakant Achrekar Death) हुआ।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 2 Jan 2019 8:07 PM GMT
नए साल के दूसरे दिन की दूसरी सबसे बड़ी बुरी खबर सामने आई है कि सचिन तेंदुलकर के कोच (Sachin Tendulkar coach) रहे रमाकांत आचरेकर (Sachin Tendulkar coach Ramakant Achrekar) का मुंबई में निधन हो गया है। भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर 87 वर्ष के थे, वह पिछले कई सालों से बीमार चल रहे थे। लंबी बामारी के बाद बुधवार शाम 6 बजकर 30 मिनट पर उनका निधन (Ramakant Achrekar Death) हुआ।
रमाकांत आचरेकर
रमाकांत आचरेकर का पूरा नाम रमाकांत विठ्ठल अचरेकर (Ramakant Vithal Achrekar) था। उनका जन्म 1932 में हुआ था। वह दादर, में शिवाजी पार्क में क्रिकेटरों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रसिद्ध थे। सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट का शुरुआती हुनर रमाकांत आचरेकर से ही सीखा था।
सचिन को उनके भाई अजीत देंदुलकर ने ही शिवाजी पार्क में उन्हें आचरेकर से मिलवाया था। आचरेकर मुंबई क्रिकेट टीम के लिए चयनकर्ता भी रह चुके हैं। आचरेकर को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए 2010 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था। 1990 में उन्हें द्रोणाचार्य पुरस्कार भी मिल चुका है।
रमाकांत आचरेकर ने ही सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, समीर दीघे, प्रवीण आमरे, चंद्रकांत पंडित और बलविंदर सिंह संधू जैसे दिग्गल खिलाड़ियों को नई दिशा दी थी। आचरेकर के निधन की खबर सुनने के बाद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों में शोक की लहर दौड़ गई। बीसीसीआई ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
The BCCI expresses its deepest sympathy on the passing of Dronacharya award-winning guru Shri Ramakant Achrekar. Not only did he produce great cricketers, but also trained them to be fine human beings. His contribution to Indian Cricket has been immense. pic.twitter.com/mK0nQODo6b
— BCCI (@BCCI) January 2, 2019
BCCI ने ट्वीट करके लिखा कि आचरेकर ने इस देश को सिर्फ महान खिलाड़ी ही नहीं दिए बल्कि ट्रेनिंग में उन्होंने खिलाड़ियों को एक बेहतर इंसान बनाया है। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। सचिन के क्रिकेट करियर की शुरुआत में आचरेकर ही उन्हें मुंबई के अलग-अलग इलाकों में खिलाने ले जाते थे। जब सचिन बेहतरीन प्रदर्शन करते थे तब आचरेकर उन्हें वड़ा पाव खिलाते थे।
जब आचरेकर ने सचिन को कहा 'वेलडन'
सचिन तेंदुलकर कहते रहते थे कि उनके गुरू रमाकांत आचरेकर ने कभी वेल प्लेड या वेलडन नहीं कहा है। वह चाहे जितना अच्छा खेलें, चाहे जितना अच्छा शतक लगाएं लेकिन उनके गुरू कभी भी जल्दी खुश नहीं होते।
लेकिन जब सचिन रिटायर हो गए और उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की गई तब उन्होंने सचिन की यह ख्वाहिश पूरी कर दी। सचिन को भारत रत्न मिलने की घोषणा के बाद रमाकांत आचरेकर ने अपने शिष्य सचिन तेंदुलकर को 'वेलडन' कह कर बधाई दी थी।
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