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खेल मंत्री किरेन रिजिजू चाहते हैं इन खोलों को भी मिले बढ़ावा, जानें इनके बारे में

उत्तर भारत में अधिकतर और पूरे भारत में लगभग हर कोई कबड्डी और खो खो खेल को जानता है। कबड्डी तो अब इंटरनेशनल लेवल पर खेला जाने लगा है, भारत में प्रो कबड्डी लीग का भी आयोजन होता है जिसमे देशभर की महान हस्तियां जैसे अमिताभ बच्चन, विराट कोहली आदि कबड्डी को प्रमोट करते हैं।

खेलमंत्री किरेन रिजिजू चाहते हैं कबड्डी, कलरीपायट्टु, थोंग टा, मलखंब  आदि खेलों को भी मिले बढ़ावा, जाने इन खेलों के बारे में
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खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा स्वदेशी खेलों को भी बढ़ावा मिलना चाहिए

खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर भारत के अपने खेलों जैसे कबड्डी, खो-खो आदि खेलों को प्रमोट करने की बात कही है। किरेन रिजिजू का मानना है कि ओलिंपिक में खेले जाने वाले खेलों पर अधिक परिश्रम करना चाहिए लेकिन हमें स्वदेशी खेलों जैसे कबड्डी, खो-खो, कलरीपायट्टु, थोंग टा, मलखंब, गटका, सिलंबम, मुकना आदि खेलों पर भी फोकस और प्रमोट करना चाहिए।

उत्तर भारत में अधिकतर और पूरे भारत में लगभग हर कोई कबड्डी और खो खो खेल को जानता है। कबड्डी तो अब इंटरनेशनल लेवल पर खेला जाने लगा है, भारत में प्रो कबड्डी लीग का भी आयोजन होता है जिसमे देशभर की महान हस्तियां जैसे अमिताभ बच्चन, विराट कोहली आदि कबड्डी को प्रमोट करते हैं। लेकिन हम आपको बताते हैं उन खेलों के बारे में जिन खेलों को खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने अपने ट्वीट में शामिल किया है।

कलरीपायट्टु- दक्षिण भारत के केरल से जन्मा ये खेल युद्ध कला में माहिर लोग खेलते हैं। माना जाता है कि कलरीपायट्टु सबसे प्राचीनतम खेलों में से एक है। केरल में एज्याहावा और नायर जाती के लोग अधिकतर इसका अभ्यास करते हैं। यह खेल मलियाली लोगों में प्रचलित है, इसकी कई शैलियों का नृत्य में भी उपयोग किया जाता है। इसके नाम की बात करे तो इसका नाम कलारी और पयाट्टू से मिलकर बना है। कलारी का अर्थ है - व्ययामशाला, और पयाट्टू का अर्थ होता है युद्ध या मेहनत करना।

थोंग टा- हुयेन लैंगलॉन नाम से भी जाने जाने वाला खेल मणिपुर का एक मार्शल आर्ट है। लैंगलॉन का भावार्थ है कला हुयेन यानी युद्ध। इस खेल में थोंग और टा प्रमुख हथियार है जिसकी मदद से खेल खेला जाता है।

मलखंब- इस खेल के नाम से लोग परिचित हो ना हो लेकिन इस खेल को लोगों ने देखा जरूर होगा। यह खेल भी प्राचीन खेलों में आता है जिसमे लकड़ी या रस्सी की मदद से करतब दिखाया जाता है। इस खेल को कई रियलिटी टैलेंट शो में दिखाया जा चूका है। दिखने में आसान लगने वाला मलखंब असली में बहुत कठिन होता है। मलखम्ब करने के लिए एकग्रता और कठिन परिश्रम की जरूरत होती है।

गटका- यह सिखों द्वारा की जाने वाली युद्ध कला है। सिखों के पर्व या धार्मिक कार्यक्रम में इस कला को दर्शाया जाता है। यह कला खतरनाक होती है और इसे प्रशिक्षित व्यक्ति ही कर सकता है अन्यथा गंभीर चोट लगने का खतरा रहता है।

सिलंबम- यह एक मार्शल आर्ट आधारित खेल है जिसमे हथियार की सहायता ली जाती है। यह बहुत पुराना खेल है और इसे खेलने से पहले प्रक्षिशण लेना जरुरी होता है। सिलंबम मार्शल आर्ट को करते वक्त एकाग्र ध्यान की आवश्यकता होती है। सिलंबम के उदय के पीछे कई प्राचीन कहानिया भी है।

मुकना- यह कुश्ती से मिलता जुलता खेल है। मणिपुर का यह खेल इम्फाल और थौंबल बहुत लोकप्रिय है। मुकना खेल को लाई हाराओबा के अंतिम दिन खेला जाता है। दोनों खिलाड़ियों की कमर पर बेल्ट जैसा कपड़ा बंधा होता है जिसे पकड़कर खेल की शुरुआत होती है।

किरेन रिजिजू के बतौर खेल मंत्री यह पहल बहुत सराहनीय है। हालांकि किरेन रिजिजू ने यह भी सम्म्मिलित किया कि हमें ओलिंपिक में खेल जाने वाले खेलों पर भी फोकस करना चाहिए लेकिन इन स्वदेशी खेलों को भी बढ़ावा देना चाहिए।

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