PV Sindhu: पीवी सिंधु के वर्ल्ड चैंपियन बनने के पीछे इस शख्स की भी है मेहनत, गिरवी रख दिया था अपना घर
भारतीय महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने रविवार को स्विट्जरलैंड में बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप 2019 (BWF World Badminton Championship 2019) के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर इतिहास रच दिया। पीवी सिंधु की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे सिर्फ उनकी कड़ी मेहनत ही नहीं बल्कि भारत के नेशनल बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) की मेहनत भी मानी जाती है।

BWF World Badminton Championship 2019 बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप 2019 भारतीय महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने रविवार को स्विट्जरलैंड में बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप 2019 (BWF World Badminton Championship 2019) के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर इतिहास रच दिया। दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हराने के साथ ही पीवी सिंधु विश्व चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई।
पीवी सिंधु की इस ऐतिहासिक जीत के पीछे सिर्फ उनकी कड़ी मेहनत ही नहीं बल्कि भारत के नेशनल बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद की मेहनत भी मानी जाती है। पुलेला अकादमी (Pulela Gopichand Academy) से ही ट्रेनिंग लेकर सायना नेहवाल, पी.वी. सिंधु, किदांबी श्रीकांत जैसे स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी निकले हैं। लेकिन एक समय ऐसा भी दौर आया था, जब इन खिलाड़ियों को सुविधाएं देने के लिए गोपीचंद ने अपना घर गिरवी रख दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलेला गोपीचंद ने 2003 में गाचीबावली के सरकारी स्टेडियम में कोचिंग शुरू की थी। उस समय उनके पास पैसे बिल्कुल भी नहीं थे। उस दौरान परुपल्ली कश्यप, पीवी सिंधु, सायना नेहवाल, बी. साई प्रणीत जैसे स्टार प्लेयर्स उस समय जूनियर खिलाड़ी थे।
बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप से पहले गोपीचंद ने पीवी सिंधु से कड़े अनुशासन का पालन कराया है। पुलेला गोपीचंद ने कहा कि सिंधु के पास पिछले 3 महीनों के दौरान उनका फोन नहीं था। सबसे पहले मैं उनका फोन लौटाऊंगा। मैंने उन्हें मीठा दही खाने से रोका था, जिसे वो काफी पसंद करती हैं। मैंने उन्हें आइसक्रीम खाने से भी रोका था, अब वह जो भी चाहें, खा सकती हैं।
बता दें कि भारतीय नेशनल बैडमिंटन टीम कोच पुलेला गोपीचंद ने 2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीता था। प्रकाश पादुकोण के बाद वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बने। गोपीचंद को 1999 में अर्जुन पुरस्कार, 2009 में द्रोणाचार्य पुरस्कार और 2014 में पद्म भूषण जैसे बड़े अवार्ड मिल चुके हैं।
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