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Hockey FIH Series Finals : जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने उतरेगा भारत

Hockey: एशियाई चैंपियन जापान जैसी टीम एफआईएच सीरीज फाइनल्स हॉकी टूर्नामेंट में शुक्रवार को यहां भारत को कड़ी चुनौती देगी लेकिन मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम सेमीफाइनल मुकाबले में घरेलू परिस्थितियों के कारण जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी।

Hockey FIH Series Finals : जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने उतरेगा भारत
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FIH Series Finals Semifinal

भुवनेश्वर। एशियाई चैंपियन जापान जैसी टीम एफआईएच सीरीज फाइनल्स हॉकी टूर्नामेंट में शुक्रवार को यहां भारत को कड़ी चुनौती देगी लेकिन मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम सेमीफाइनल मुकाबले में घरेलू परिस्थितियों के कारण जीत के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी।

भारत ने नये कोच ग्राहम रीड की देखरेख में टूर्नामेंट के शुरुआती चरण में कम रैंकिंग वाले प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बड़ी जीत दर्ज की लेकिन उसने अभी तक अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखाया है। टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली टीमें इस साल अक्टूबर -नवंबर में होने वाले एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर्स के लिए क्वालीफाई करेंगी। विश्व में 18वें नंबर के जापान ने हालांकि बुधवार को क्रास ओवर में पोलैंड को 6-2 से करारी शिकस्त दी थी।

टीम का प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा

भारत ने पूल चरण में रूस और उज्बेकिस्तान को 10-0 से करारी शिकस्त दी और फिर पोलैंड को 3-1 से पराजित किया। मनप्रीत सिंह के नेतृत्व वाली टीम का प्रदर्शन हालांकि प्रभावशाली नहीं रहा है। मनप्रीत की अगुवाई में मध्यपंक्ति ने अच्छा खेल दिखाया लेकिन अग्रिम पंक्ति भारत के लिये चिंता का विषय बनी हुई है।

भारत ने तीनों मैचों में गोल करने के कई मौके बनाये लेकिन उसने इनमें से अधिकतर को गंवा दिया। आकाशदीप सिंह को छोड़कर कोई भी अन्य स्ट्राइकर टूर्नामेंट में अब तक खतरनाक नजर नहीं आया। मनदीप सिंह और युवा गुरसाहिबजीत सिंह ने जहां टुकड़ों में अच्छा प्रदर्शन किया वहीं चोट से उबरने के बाद वापसी करने के बाद रमनदीप सिंह अपनी लय में नहीं दिखे।

फिनिशिंग पर काम करने की जरूरत: कोच

भारतीय कोच रीड ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमने कई मौके बनाये लेकिन हमें फिनिशिंग जैसे मूल कौशल पर काम करने की जरूरत है। यह ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमें सुधार करना होगा। भारतीय रक्षापंक्ति को भी अभी तक कोई चुनौती नहीं मिली है।

पोलैंड एकमात्र ऐसी टीम थी जिसने उसके लिये थोड़ी परेशानी खड़ी की। दोनों गोलकीपर पी आर श्रीजेश और कृष्ण बहादुर पाठक पूल मैचों में दर्शक ही बने रहे लेकिन जापान के खिलाफ तस्वीर भिन्न हो सकती है। एशियाई खेलों के चैंपियन ने भारत को पिछले दो मुकाबलों में कड़ी चुनौती दी भले ही उसे हार का सामना करना पड़ा।

दोहा में हराया था जापान को

भारत ने पिछले साल दोहा में एशियाई चैंपियन्स ट्राफी के सेमीफाइनल में जापान को 3-2 से हराया था जबकि इस साल के शुरू में अजलन शाह कप में उसने 2-0 से जीत दर्ज की थी। जापान के पास गंवाने के लिये कुछ भी नहीं है। उसकी टीम मेजबान और महाद्वीपीय चैंपियन होने के कारण पहले ही ओलंपिक में अपनी जगह पक्की कर चुकी है। पूल चरण में जापान का प्रदर्शन प्रभावशाली नहीं रहा और वह कम रैंकिंग वाले अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर रहा।

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