Tokyo Olympics: विनेश की हार से नाखुश हैं चाचा महावीर फोगाट, बताया अब तक की सबसे बुरी फाइट

खेल। टोक्यो (Tokyo) में चल रहे 'खेलों के महाकुंभ' में भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) क्वार्टर फाइनल (Quarterfinal) में हार गईं। 53 किलो कैटेगरी में उन्हें बेलारूस (Belarus) की वेनेसा कालाजिंस्काया (vanesa kaladzinskaya) ने 3-9 से मात दी थी। हालांकि विनेश के पास अब भी मेडल (Medal) जीतने का मौका है लेकिन इसके लिए भी उन्हें वेनेसा की परफॉर्मेंस पर निर्भर रहना होगा। बता दें कि अगर वेनेसा फाइनल में पहुंच जातीं हैं तो विनेश रेपचेज राउंड (Repechage) के तहत कांस्य (Bronze Medal) की रेस में बनीं रह सकती हैं।
वहीं विनेश की इस हार के बाद उनके कोच और चाचा महावीर सिंह फोगाट काफी निराश हैं, उन्होंने एक निजी मीडिया चैनल से बात करते हुए कहा, " विनेश ने टोक्यो में काफी खराब रेसलिंग की है, उसका इतना खराब प्रदर्शन आज तक मैंने नहीं देखा। मुझे लग रहा था कि उसने ज्यादा कोशिश नहीं की।" साथ ही उन्होंने कहा कि विनेश की इतनी घटिया फाइट आज तक नहीं देखी। बता दें कि विनेश ने कुश्ती के गुर महावीर फोगाट से ही सीखे थे।
ऐसे हारीं विनेश
बेलारुस की पहलवान ने 26 वर्षीय भारतीय पहलवान को मैट पर गिराकर जीत हासिल की। वेनेसा ने शुरुआत में ही भारत की नंबर एक की वरीयता प्राप्त पहलवान पर दबाव बनाते हुए 2-0 से बढ़त बनाई। वहीं गेम में शानदार वापसी करते हुए फोगाट ने जल्द ही 2-2 से बराबरी कर ली लेकिन बेलारूस की पहलवान भी कहां पीछे रहने वाली थी इसी क्रम में उसने भी दो और अंक जोड़े, बाद में फिर एक अंक हासिल किया जिससे भारतीय पहलवान दूसरे हाफ में 2-5 से पिछड़ गईं।
बता दें कि विनेश फोगाट ने अपने पहले मुकाबले में स्वीडन की पहलवान सोफिया मैटसन को 7-1 से मात दी थी। इससे पहले सोफिया 2016 रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकी थीं, लेकिन विनेश ने उन्हें 7-1 हरा दिया इसके बाद उन्होंने 53 किलो फ्रीस्टाइल मुकाबले में क्वार्टरफाइनल में एंट्री कर ली थी।
विनेश फोगाट का हालिया प्रदर्शन जून 2021 में विनेश फोगाट ने पोलैंड ओपन में आयोजित 53 किलो कैटेगरी का गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस सत्र में यह उनका तीसरा खिताब था, इससे पहले उन्होंने मार्च में माटियो पेलिकोन और अप्रैल में एशियाई चैंपियनशिप का स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया था। वहीं एशियाई खेलों में उनका प्रदर्शन इतना बेहतरीन था कि उन्हें पूरे टूर्नामेंट में एक भी अंक नहीं गंवाया।